तुम मुझे खून दो.. के जयघोष से नेताजी ने भरा था जोश : जीतू

दातारपुर नेताजी की 125वीं जयंती के अवसर पर गांव सधानी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें भाजपा के जिला उपाध्यक्ष दलजीत सिंह जीतू विशेष तौर पर पहुंचे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मंडल अध्यक्ष सुभाष बिट्टू ने की।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 08:00 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 08:00 PM (IST)
तुम मुझे खून दो.. के जयघोष से नेताजी ने भरा था जोश : जीतू
तुम मुझे खून दो.. के जयघोष से नेताजी ने भरा था जोश : जीतू

संवाद सहयोगी, दातारपुर

नेताजी की 125वीं जयंती के अवसर पर गांव सधानी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें भाजपा के जिला उपाध्यक्ष दलजीत सिंह जीतू विशेष तौर पर पहुंचे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मंडल अध्यक्ष सुभाष बिट्टू ने की।

इस अवसर पर जीतू ने कहा कि नेताजी के तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा, का जयघोष आजादी की जंग में देकर नया जोश भरा था। उन्होंने साफ कर दिया था कि मांगने से आजादी नहीं मिलेगी, इसके लिए बलिदान देना होगा। इसकी झलक बर्मा बार्डर पर आजाद हिद फौज के रूप में देखने को मिली थी। नेताजी को दिसंबर 1927 में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव के बाद 1938 में कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। उन्होंने कहा था कि उनकी यह कामना है कि महात्मा गांधी के नेतृत्व में ही हमें स्वाधीनता की लड़ाई लड़नी है। हमारी लड़ाई केवल ब्रिटिश साम्राज्यवाद से नहीं, विश्व साम्राज्यवाद से है।

नेताजी ने आजादी के आंदोलन को एक नई राह देते हुए युवाओं को संगठित करने का प्रयास पूरी निष्ठा से किया। इसकी शुरुआत 4 जुलाई, 1943 को सिगापुर में भारतीय स्वाधीनता सम्मेलन के साथ हुई। 5 जुलाई, 1943 को आजाद हिंद फौज का गठन हुआ। 21 अक्टूबर, 1943 को एशिया के विभिन्न देशों में रहने वाले भारतीयों का सम्मेलन कर उसमें अस्थायी स्वतंत्र भारत सरकार की स्थापना कर नेताजी ने आजादी प्राप्त करने के संकल्प को साकार किया।

12 सितंबर, 1944 को रंगून में शहीद यतीन्द्र दास के स्मृति दिवस पर नेताजी ने मार्मिक भाषण देते हुए कहा कि अब हमारी आजादी निश्चित है, परंतु आजादी बलिदान मांगती है। आप मुझे खून दो, मैं आपको आजादी दूंगा।

इस अवसर पर पूर्व सरपंच रछपाल सिंह, सरपंच महिमा देवी, परमजीत सिंह, अनूप सिंह, बलबीर कौर, सुदेश कुमारी, नवदीप सिंह, राकेश कुमार मौजूद रहे।

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