होम आइसोलेट में मरीजों का रोजाना हालचाल जानेंगे वालंटियर

घरेलू एकांतवास में कोविड मरीजों की निगरानी व समय पर डाक्टरी सहायता मिले इसके लिए जिला प्रशासन के आह्वान पर कुछ युवा आगे आए हैं। यह जानकारी डीसी अपनीत रियात ने बैठक के दौरान दी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 04:53 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 06:18 AM (IST)
होम आइसोलेट में मरीजों का रोजाना हालचाल जानेंगे वालंटियर
होम आइसोलेट में मरीजों का रोजाना हालचाल जानेंगे वालंटियर

संवाद सहयोगी, होशियारपुर : घरेलू एकांतवास में कोविड मरीजों की निगरानी व समय पर डाक्टरी सहायता मिले, इसके लिए जिला प्रशासन के आह्वान पर कुछ युवा आगे आए हैं। यह जानकारी डीसी अपनीत रियात ने बैठक के दौरान दी। उन्होंने कहा कि इन युवाओं में इंटर्न डाक्टर, प्रोफेसर, नर्सिंग स्टूडेंट्स व अन्य कालेज के विद्यार्थियों ने पहल कर वालंटियर के तौर पर सेवाएं देने पर सहमति जताई है, जो बेहतरीन प्रयास है। जिला प्रशासकीय कांप्लेक्स में ट्रेनिग के दौरान डीसी ने युवाओं का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि यह सेवाएं कोविड के खात्मे को लेकर एक अहम प्रयास है। उनके साथ सहायक कमिश्नर (सामान्य) किरपालवीर सिंह मौजूद थे। मैराकी फाउंडेशन की ओर से आयोजित ट्रेनिग में जिले के सरकारी कालेज, एसडी कालेज, रयात-बाहरा नर्सिंग कालेज, मैरिटोरियस नर्सिंग कालेज, स्वामी सर्वानंदगिरी रिजनल इंस्टीट्यूट पंजाब यूनिवर्सिंटी के विद्यार्थियों के अलावा डीएवी कालेज के प्रोफेसर व सात इंटर्न डाक्टरों ने हिस्सा लिया और घरेलू एकांतवास में रहने वाले कोविड मरीजों को दी जाने वाली सेवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की। अलग-अलग सत्रों में विशेषज्ञ डाक्टरों ने वालंटियरों की ओर से दी जाने वाली सेवाओं के बारे में विस्तार से बताया। यह युवा घरेलू एकांतवास वाले पाजिटिव मरीजों को रोजाना कालिग करेंगे व उनके बुखार, जुखाम, आक्सीजन लेवल संबंधी निगरानी कर उनके पैरामीटर (मापदंड) रिकार्ड करेंगे। मरीजों की दिनचर्या कैसी हो या वे क्या सावधानियां अपनाएं इस बारे में भी पूरी जानकारी दी जाएगी और जरूरत पड़ने पर काउंसलिग भी की जाएगी।

ज्यादातर मौतों का कारण इलाज में देरी

मरीजों की रोजाना निगरानी से यह पता चलता रहेगा कि कब अस्पताल की जरूरत है। इससे गंभीर मरीज को समय पर अस्पताल में दाखिल करवाया जा सकेगा। जिले में कोविड से होने वाली अधिकतर मौतों का कारण मरीजों का अस्पताल में देरी से पहुंचना भी है। ऐसे प्रयास से घरेलू एकांतवास वाले कोविड पाजिविट मरीजों को इसका काफी लाभ मिलेगा। डीसी ने वालंटियर के तौर पर सेवाएं देने वाली युवाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस सामाजिक जिम्मेदारी से कई कीमती जानें बचाई जा सकती हैं। इस मौके पर सहायक सिविल सर्जन डा. पवन कुमार, मेडिकल स्पेशलिस्ट डा. सर्बजीत सिंह, डा. शैलेश, डा. लक्ष्मीकांत, मैराकी फाउंडेशन से सीमांत मौजूद थे।

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