रेफरल सेंटर बनकर रह गया फोकल प्वाइंट का ईएसआइ अस्पताल

फोकल प्वांइट होशियारपुर में स्थित ईएसआइ अस्पताल में सिविल अस्पताल में नहीं है सुविधा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 07:09 AM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 07:09 AM (IST)
रेफरल सेंटर बनकर रह गया फोकल प्वाइंट का ईएसआइ अस्पताल
रेफरल सेंटर बनकर रह गया फोकल प्वाइंट का ईएसआइ अस्पताल

संवाद सहयोगी, होशियारपुर : फोकल प्वांइट होशियारपुर में स्थित ईएसआइ अस्पताल में सिविल अस्पताल के बाद सबसे अधिक ओपीडी होती है. खास तौर पर यह फैक्टरियों में काम करने वालों के लिए इलाज कराने का पहला स्टेप माना जाता है। पर हालात यह है कि यह पहला स्टेप केवल रेफर सेंटर बन कर गया है। हर रोज सौ से डेढ़ सौ लोग ओपीडी के लिए पहुंचते है, मगर मरीजों की लगातार शिकायत है कि बुखार के मामले में भी ईएसआइ अस्पताल से रेफर कर दिया जाता है, जिससे मरीजों को बहुत परेशानी होती है। इसी को लेकर जागरण की तरफ से शनिवार को ईएसआइ अस्पताल का दौरा करके डाक्टरों और मरीजों के रेफर होने कारण जानने के लिए अस्पताल जाकर पड़ताल की तो पता चला। नहीं है कोई स्पेशलिस्ट डाक्टर

पिछले 31 वर्ष से चल रहे ईएसआई अस्पताल में एक समय हर बीमारी के डाक्टर मिल जाते थे, जिसके चलते आसपास के इलाके के मरीजों को कहीं बाहर जाने की जरुरत नहीं पड़ती थी। फोकल प्वांइट के आसपास फैक्टरियां होने के कारण गरीब मरीजों को ही ज्यादा करके ईएसआइ अस्पताल में इलाज के लिए जाना पड़ता है। मगर धीरे-धीरे सरकार ने ईएसआई से डाक्टर भी निकाल कर आसपास के अस्पतालों में शिफ्ट कर दिए थे। उसके बाद आज हालात यह हैं कि एक भी स्पेशल्सि्ट नहीं है। पिछले दस वर्ष से नहीं है गायनोलोजिस्ट

अस्पताल में मौजूद मरीजों ने बताया कि अस्पताल में पिछले दस वर्ष से ज्यादा समय से एक भी गायनोलोजिस्ट नहीं है। ईएसआई अस्पताल में अधिकतर मजदूर वर्गों के यां फिर मिडल क्लास लोग आते हैं और ऐसे में गर्भवतियों को सरकारी अस्पताल में रैफर कर दिया जाता है। हालात तो तब गंभीर होते हैं जब रात के समय इमरजेंसी में कोई पहुंचता है। तो आगे कोई हाथ थामने वाला ही नहीं होता। क्या कहते है एसएमओ प्रदीप भाटिया

ईएसआई के एसएमओ प्रदीप भाटिया से बात करने पर उन्होंने बताया कि ईएसआई में गरीब मरीज ही इलाज के लिए आते हैं जिनकी जरुरत की मेडिसन अस्पताल से ही मिल जाती है। अगर किसी बीमारी का कोई गंभीर मरीज आता है तो उसे ही सरकारी अस्पताल रैफर किया जाता है। मरीज की अकसर यही शिकायत होती है कि अस्पताल में कोई भी स्पेशलिस्ट डाक्टर नहीं है। सिविल सर्जन होशियारपुर को लिखती रुप में भेजा हुआ है, जल्द ही ईएसआई में गायनोलोजिस्ट की पोस्ट को भर दिया जाएगा।

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