नीलकंठ मोहल्ले की गलियां कच्ची, लोग परेशान

विकास के दावों के बीच अभी भी नगर निगम के अधीन पड़ते कुछ इलाके हैं जहां मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंची। ऐसा ही इलाका है शहर के टांडा रोड पर बसा मोहल्ला नीलकंठ। मोहल्ले को बसे चाहे 25 से तीस साल हो चुके हैं लेकिन अभी तक मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 May 2021 04:57 PM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 06:00 AM (IST)
नीलकंठ मोहल्ले की गलियां कच्ची, लोग परेशान
नीलकंठ मोहल्ले की गलियां कच्ची, लोग परेशान

जागरण संवाददाता, होशियारपुर : विकास के दावों के बीच अभी भी नगर निगम के अधीन पड़ते कुछ इलाके हैं जहां मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंची। ऐसा ही इलाका है शहर के टांडा रोड पर बसा मोहल्ला नीलकंठ। मोहल्ले को बसे चाहे 25 से तीस साल हो चुके हैं लेकिन अभी तक मूलभूत सुविधाएं नहीं पहुंच पाई। कुछ ही इलाके में सीवरेज व वाटर सप्लाई है। काफी इलाका ऐसा है जहां गलियां कच्ची हैं। गलियां पक्की करने के लिए मोहल्ला वासी कई बार नगर निगम में शिकायत कर चुके हैं पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह नहीं कि सभी गलियां कच्ची हैं, कुछ गलियां कुछ दिन पहले ही पक्की की गई हैं, लेकिन जो गलियां नहीं बनी उसे ठेकेदार ने यह कहकर रोक दिया कि उनका लेवल ही ठीक नहीं है। यानी जब तक लेवल ठीक नहीं होगा तब तक गलियां नहीं बनेगी। यानी सीधे-सीधे लफज्जों में यदि यह कह दिया गया कि लेवल करने के लिए मिट्टी डाल दें और गली बन जाएगी जबकि इसकी जिम्मेदारी निगम की होती है।

हर बार शिकायत करने पर मिलता है आश्वासन

नीरज शर्मा, राकेश कुमार, प्रदीप, संदीप, संजीव, बिमला, कमलेश कुमारी, बलवीर कौर, विद्या कुमारी, प्रवीण कुमारी, ममता कुमारी, स्वर्णी, सुरेश, सोढी राम, सीमा देवी, राम प्यारी, भाग सिंह, सुरेश कुमार, वरिदर कुमार, योगेश कुमार ने बताया, सुविधाओं के नाम पर मजाक किया जा रहा है। समस्या संबंधी निगम के अधिकारियों को कई बार चेता चुके हैं, लेकिन लाभ नहीं हुआ। शिकायत करने पर निगम के मुलाजिम इलाके में आते हैं और लौट जाते हैं। इन्हें देखकर लगता था कि समस्या का हल जल्द हो जाएगा पर होता कुछ नहीं। हालात यह हैं कि मोहल्ले की कुछ गलियां तो बन गई हैं लेकिन मोहल्ले में दाखिल करवाता रास्ता ही खराब है।

बरसात में नर्क बन जाती है जिदगी

लोगों का कहना है कि गलियां कच्ची होने के कारण जीवन नर्क बना हुआ है। बरसात के दिन में तो घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है क्योंकि गलियों में पानी भर जाता है। इससे आवाजाही में मुश्किल हो जाती है। लोगों का कहना है कि मोहल्ले में 15 से 20 साल से हैं, लेकिन अभी तक इलाकों से पक्षपात होता रहा है। घरों के पास जगह-जगह छप्पड़ बन जाते हैं और मक्खी मच्छरों पनपने का डर बना रहता है।

जल्द होगा समस्या का हल : मेयर

इस संबंध में नगर निगम के मेयर सुरिदर कुमार के साथ बात की गई तो उन्होंने कहा कि निगम के सारे इलाकों में लगभग काम चल रहा है और जो इलाके रह गए हैं वहां भी जल्द ही सभी सुविधाएं पहुंचाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि चाहे पक्की गलियां हो, सीवरेज हो या फिर वारट सप्लाई सारी जरूरत मुहैया करवाई जाएंगी।

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