गंदे पानी की निकासी नहीं होने से नारकीय जीवन जीने को मजबूर नरसाला निवासी

चाहे सरकार लोगों को मूलभूत सुविधाएं देने के व विकास के लाखों दावे करे परंतु जमीनी हकीकत में दावे कितने सच्चे हैं यह किसी से छुपा नहीं है। लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 10:45 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 10:45 PM (IST)
गंदे पानी की निकासी नहीं होने से नारकीय जीवन जीने को मजबूर नरसाला निवासी
गंदे पानी की निकासी नहीं होने से नारकीय जीवन जीने को मजबूर नरसाला निवासी

संवाद सहयोगी, नसराला : चाहे सरकार लोगों को मूलभूत सुविधाएं देने के व विकास के लाखों दावे करे परंतु जमीनी हकीकत में दावे कितने सच्चे हैं यह किसी से छुपा नहीं है। लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। हैरानी वाली बात तो यह है कि लोग बार-बार अपने नुमाइंदों को इसके प्रति चेता रहे हैं लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा। ऐसा ही मामला होशियारपुर जालंधर रोड़ पर स्थित गांव नसराला में देखने को मिल रहा है। जहां पानी की सही ढंग से निकासी न होने से नसराला की मुख्य गली गंदे पानी से लबालब भरी हुई है और आज तक अधिकारियों का इस तरफ ध्यान नहीं गया। लोग परेशान है और समस्या का हल नहीं हो रहा। पिछले लंबे समय से समस्या पर नहीं हुआ हल

इलाक निवासियों का कहना है कि यह समस्या पिछले लंबे समय से ज्यों की त्यों बनी हुई है पर इस समस्या के समाधान के लिए आज तक न तो कोई मौजूदा सरकार का नुमाइंदा आगे आया और न ही सीवरेज बोर्ड के अधिकारी इस समस्या के हल के लिए कुछ कर रहे हैं। लोग बार बार अधिकारियों व नुमाइंदों के दरबार में समस्या लेकर जाते हैं और आश्वासन के साथ वापस लौट आते हैं। लोगों ने बताया कि यह गली नसराला की मुख्य गली है जो रेलवे स्टेशन तक जाती है। हालात यह हैं कि पानी की निकासी न होने के कारण गली में पानी जमा हो चुका है जैसे तलाब हो। वहीं बरसात के दिनों में तो स्थिति और भी बुरी हो जाती है चूंकि पानी लोगों क घरों में घुस जाता है। वहीं जो दुकानें इस गली में हैं उन दुकानदारों की दुकानदारी भी चौपट हो चुकी है। गंदे पानी से उठने वाली दुर्गंध से लोगों का जीना मुहाल हो चुका है और यदि हालात यही रहे तो इलाके में भयंकर बीमारी फैल सकती है। बता दें कि लगभग दो तीन साल पहले ऐसी ही समस्या मोहल्ला कमालपुर में देखने को मिली थी और समस्या बाद में डायरिया का रुप धारण कर गई थी और डायरिया के कारण सात लोगों की जान गई थी। लोगों ने प्रशासन से मांग की और चेतावनी दी कि कि इस समस्या का तुरंत हल कराया जाए नहीं तो वह मजबूरी में संघर्ष के लिए बाध्य होगें। जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन व संबंधित विभाग की होगी।

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