सिविल सर्जन कार्यालय को ताला जड़कर प्रदर्शन किया

एनपीए के खिलाफ मंगलवार को दूसरे दिन भी पंजाब सिविल मेडिकल सर्विस (पीसीएमएस) एसोसिएशन की स्टेट बाडी और संयुक्त एक्शन कमेटी ने सिविल सर्जन कार्यलय को ताला लगाकर काम बंद रखा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 05:32 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 06:30 AM (IST)
सिविल सर्जन कार्यालय को ताला जड़कर प्रदर्शन किया
सिविल सर्जन कार्यालय को ताला जड़कर प्रदर्शन किया

संवाद सहयोगी, होशियारपुर : एनपीए के खिलाफ मंगलवार को दूसरे दिन भी पंजाब सिविल मेडिकल सर्विस (पीसीएमएस) एसोसिएशन की स्टेट बाडी और संयुक्त एक्शन कमेटी ने सिविल सर्जन कार्यलय को ताला लगाकर काम बंद रखा। पीसीएमएस एसोसिएशन के जिला प्रधान डा. मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करके पंजाब सरकार के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए गए।

डाक्टरों को संबोधित करते हुए डा. मनमोहन सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से कोरोना वायरस के दौरान रात- दिन मरीजों की सेवा करने वाले योद्धाओं का मजाक उड़ाया गया है। सरकार पहले तो काम लेने के लिए दिन रात डाक्टरों को प्रोत्साहित कर रही थी मगर अब डाक्टरों के वेतन और अन्य फंडों पर एनपीए के रूप में कैंची चला रही है। इस अवसर पर सहायक सिविल सर्जन पवन कुमार, डा. सीमा गर्ग, डा. राजकुमार, सुनील अहीर, हरजीत सिंह, परमजीत सिंह, जसविदर सिंह एसएमओ, मनमोहन सिंह, संदीप डिमाना, हरबंस कौर, डा. स्वाति, जसवंत सिंह, बलदेव सिंह, दविदर पाल सिंह, गुरबख्श सिंह और डा. गूंजन मौजूद थे।

निजीकरण के विरोध में हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि छठे पे कमीशन को हथियार बनाकर पंजाब सरकार डाक्टरों के एनपीए को 25 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत करके बेसिक वेतन पर डाका मार रही है। यही नहीं, सरकारी अस्पतालों को प्राइवेट करने जा रही है। इसके विरोध में हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की गई जिस पर सबसे पहले सिविल सर्जन होशियारपुर डा. रंजीत कुमार घोतड़ा ने हस्ताक्षर किए। इसके बाद धरने में शामिल सभी डाक्टरों ने हस्ताक्षर करके सरकार का विरोध किया।

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