शिक्षा मंत्री के खिलाफ किया प्रदर्शन

पंजाब सरकार ने निजीकरण के एजेंडे के अंतर्गत आम लोगों से शिक्षा लेने का हक छीनने और शिक्षा मंत्री के अध्यापक और विद्यार्थी के साथ जुड़े मसलों का हल नहीं निकाला।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 12 Dec 2019 12:00 AM (IST) Updated:Thu, 12 Dec 2019 12:00 AM (IST)
शिक्षा मंत्री के खिलाफ किया प्रदर्शन
शिक्षा मंत्री के खिलाफ किया प्रदर्शन

जेएनएन, होशियारपुर : पंजाब सरकार ने निजीकरण के एजेंडे के अंतर्गत आम लोगों से शिक्षा लेने का हक छीनने और शिक्षा मंत्री के अध्यापक और विद्यार्थी के साथ जुड़े मसलों का हल नहीं निकाला। एक दिसंबर को संगरूर शहर में हुए प्रदेश स्तरीय धरने दौरान प्रशासन के न्योता देने के बावजूद बातचीत करने से टालमटोल बदलने से खफा हुए अध्यापक ने शिक्षा मंत्री खिलाफ अर्थी फूंक प्रदर्शन किया।

प्रदेश सचिवालय मेंबर मुकेश गुजराती और सुखदेव डानसीवाल ने कहा कि पंजाब सरकार ने शिक्षा और अध्यापकों को अनदेखा किया है। जिसके निष्कर्ष के तौर पर शिक्षा के क्षेत्र में पंजाब पिछड़ रहा है। अध्यापक वर्ग को हाशिए पर धकेल दिया गया है। सरकार का स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं देने की जिम्मेदारी से भागना, कम संख्यां वाले विद्यार्थियों वाले स्कूलों को बंद करना, माध्यमिक स्कूलों में असामियों की कटौती करना और प्राथमिक स्कूलों में हैड टीचर की असामी देने पर कई तरह की शर्ते लगाने और रेशनलाइजेशन बहाने शिक्षा और अध्यापकों का बर्बादी करना, वालंटियरों को शिक्षा विभाग में लाकर रेगुलर करना, पिछले समय में वेतन कटौती करके रेगुलर किए अध्यापकों को पूरे स्केलों के अंतर्गत वेतन देने पर रहते अध्यापकों को रेगुलर करना, पुरानी पेंशन की बहाली, तरक्की का कोटा 75 प्रतिशत करके हर कार्ड की बनतीं तरक्कियां करना सहित अनेकों मामलों का वाजिब हल न निकलने कारण अध्यापक वर्ग में सरकार प्रति रोष है। इस मौके हंस राज गढ़शंकर करनैल सिंह, जतिदर सिंह, अश्वनी कुमार, रजिदर कुमार, गुरमेल सिंह, अमरदीप सिंह, जतिदर सिंह, हरिदर सिंह, रमेश कुमार, राज कुमार, सुरिदर कुमार, ओंकार सिंह, बलजिदर सिंह, जसप्रीत कौर, सीमा रानी, बबीता मौजूद रहे।

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