वकील व उनकी जूनियर की हत्या के मामले में एसएसपी तलब
पिछले साल होशियारपुर में दिवाली की रात नामी वकील भगवंत किशोर गुप्ता और उनकी जूनियर वकील सिया उर्फ गीतू खुल्लर की हत्या कर शवों को कार में जलाए जाने के आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं करने का पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : पिछले साल होशियारपुर में दिवाली की रात नामी वकील भगवंत किशोर गुप्ता और उनकी जूनियर वकील सिया उर्फ गीतू खुल्लर की हत्या कर शवों को कार में जलाए जाने के आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं करने का पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है। कोर्ट ने होशियारपुर के एसएसपी से जवाब तलब कर पूछा है कि अब वह खुद बताएं कि आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
जस्टिस दीपक सिब्बल ने यह आदेश मृतक वकील भगवंत किशोर गुप्ता के बेटे सुमनेन्द्र गुप्ता द्वारा इस मामले की सीबीआइ या अन्य किसी जांच एजेंसी से जांच की मांग और अपने और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं। जस्टिस सिब्बल ने कहा कि यह एक बेहद ही गंभीर मामला है। पुलिस ने इस मामले में अब तक क्या कार्रवाई की है, उसकी स्टेटस रिपोर्ट अगली सुनवाई पर दायर की जाए। याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट को बताया कि इस पूरे मामले का मुख्य साजिशकर्ता और आरोपित उनके पिता की जूनियर सिया का पति आशीष सिंह है। उसी ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर दीवाली की रात पिता भगवंत और उनकी जूनियर जोकि की आरोपित की पत्नी थी, की घर में ही हत्या की थी। बाद में हत्या को सड़क दुर्घटना का रंग देने के लिए शवों को शहर से बाहर ले जाकर कार में बिठाकर आग लगा दी थी।
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि पुलिस अभी तक इस मामले में कुछ नहीं कर रही है। आरोपित के खिलाफ होशियारपुर की अदालत गैर-जमानती वारंट जारी कर चुकी है, बावजूद इसके यह वारंट तामील नहीं हो पा रहे। पुलिस कह रही है कि आरोपित अब उस पते पर नहीं रह रहा। वहीं याचिकाकर्ता कहना है कि आरोपित का यही पता है। हाई कोर्ट में भी उसने जवाब दायर करते हुए अपना वही पता दिया है। जब हाई कोर्ट का नोटिस उसे सर्व हो सकता है तो गैर-जमानती वारंट क्यों नहीं। हाईकोर्ट को बताया गया कि होशियारपुर की सीजेएम भी एसएसपी को आदेश दे चुकी हैं कि अब वही इस वारंट को तामील करवाएं। इस जानकारी के बाद हाई कोर्ट ने होशियारपुर के एसएसपी को आदेश दे दिए हैं कि वह मामले की अगली सुनवाई पर हलफनामा दायर कर बताएं कि आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं।