अनुशासन व सहनशीलता का पाठ पढ़ाते हैं खेल : प्रि. गगनदीप

सेंट सोल्जर डिवाइन पब्लिक स्कूल लक्ष्मी एन्क्लेव होशियारपुर में हाकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद को उनके जन्म दिन पर याद करते हुए राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 Aug 2021 10:30 PM (IST) Updated:Sat, 28 Aug 2021 10:30 PM (IST)
अनुशासन व सहनशीलता का पाठ पढ़ाते हैं खेल : प्रि. गगनदीप
अनुशासन व सहनशीलता का पाठ पढ़ाते हैं खेल : प्रि. गगनदीप

जागरण संवाददाता, होशियारपुर

सेंट सोल्जर डिवाइन पब्लिक स्कूल लक्ष्मी एन्क्लेव होशियारपुर में हाकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद को उनके जन्म दिन पर याद करते हुए राष्ट्रीय खेल दिवस मनाया गया। इस अवसर पर वालीबाल, खो-खो, बैडमिटन के अलावा विरासती खेलों का आयोजन भी किया गया। अंतर हाऊस करवाए गए इन मुकाबलों में बैडमिटन (लड़के) में महाराजा रणजीत सिंह हाऊस ने बाजी मारते हुए पहला ओर गुरु गोबिद सिंह हाऊस दूसरे स्थान पर रहा। बैडमिटन (लड़कियों) के मुकाबले में शिवाजी हाऊस ने महाराणा प्रताप हाऊस को हरा कर पहले स्थान पर कब्जा किया।

खो-खो का मुकाबला में 9वीं कक्षा तथा वालीबाल का मुकाबला 8वीं कक्षा ने जीता। इस दौरान सबसे रोचक मुकाबले विरासती खेलों के रहे, जिनमें छात्रों ने ही नहीं बल्कि अध्यापकों ने भी भाग लिया। इस मौके विजेता छात्रों को सम्मानित करते हुए प्रिसिपल गगनदीप सिंह ने कहा कि खेल हमें तंदरुस्त जीवन ही प्रदान नहीं करते बल्कि अनुशासन तथा सहनशीलता का पाठ भी पढ़ाते हैं। इस लिए सभी छात्रों को किसी ना किसी खेल को जरूर अपनाना चाहिए। खेल दिवस के सफल बनाने में अध्यापिका शिक्षा भरद्वाज, हरप्रीत कौर तथा शिखा शर्मा का विशेष योगदान रहा। हाकी में कामर्स ग्रुप की टीम बनी विजेता

नेशनल स्पो‌र्ट्स डे जो कि भारतीय फील्ड हाकी प्लेयर मेजर ध्यानचंद के जन्म दिवस को समर्पित है के संदर्भ में ऊना रोड स्थित एसएवी जैन डे बोर्डिंग स्कूल में हाकी मैच करवाया गया। जिसमें स्कूल की तीन टीमों ने भाग लिया। इस अवसर स्कूल के प्रधान जीवन जैन ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन हॉकी के प्रसिद्ध खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को भी समर्पित है क्योंकि आज ही के दिन उनका जन्म भी हुआ था। जिन्हें बड़े पैमाने पर हाकी का सबसे बेहतरीन खिलाड़ी माना जाता है। ध्यानचंद के गोल करने की क्षमता कमाल की थी। उनके खेलने के दौरान भारत ने हाकी में तीन गोल्ड मेडल (1928, 1932 और 1936) ओलिंपिक में जीते थे। यही वह समय था जब भारत हाकी में सबसे अच्छी टीम थी, लेकिन आज के समय में भी भारतीय हाकी अपना अच्छा प्रदर्शन करते हुए ओलंपिक में कई दशकों बाद पदक लेकर लौटी है।

हाकी मैच के परिणामों संबंधी जानकारी देते हुए डीन सुनीता दुग्गल ने बताया कि आज के मैच स्कूल की कामर्स, आ‌र्ट्स, नान मेडिकल व मेडिकल ग्रुप में करवाया गया जिसमें पहला स्थान कामर्स की टीम, दूसरे स्थान पर आटर्स और तीसरे स्थान पर नान मेडिकल और मेडिकल की टीम रही। इस अवसर पर स्कूल के सेक्रेटरी मानिक जैन एवं ज्वाइंट सेक्रेटरी सुशील जैन भी उपस्थित हुए।

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