सब्लेट नहीं की जा सकती साइटें, जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई

शहर में होर्डिग्स विज्ञापन से राज्य सरकार को लाखों रुपये का चूना लगाने का मामला नगर निगम अधिकारियों के गले की फांस बनता जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 03:56 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 06:34 AM (IST)
सब्लेट नहीं की जा सकती साइटें, जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई
सब्लेट नहीं की जा सकती साइटें, जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई

हजारी लाल, होशियारपुर

शहर में होर्डिग्स विज्ञापन से राज्य सरकार को लाखों रुपये का चूना लगाने का मामला नगर निगम अधिकारियों के गले की फांस बनता जा रहा है। दैनिक जागरण की ओर से इस गड़बड़झाले का राजफाश करने के बाद कैबिनेट मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने कमिश्नर अमित पांचाल को जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। कमिश्नर ने स्पष्ट तौर पर साफ किया है कि नगर निगम की साइटें सब्लेट नहीं की जा सकती, जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी। मामले की तह तक जाने के लिए जांच कमेटी गठित की जा रही है। किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा। सारा मामला संज्ञान में लाने के लिए उन्होंने दैनिक जागरण का धन्यवाद भी किया।

नगर निगम की सीमा मे विज्ञापन करने के लिए साइटों का ठेका करीब आठ माह पहले ही समाप्त हो चुका है। निगम अधिकारियों से मिलीभगत करके एक शख्स ने शहर की मालदार 22 साइटों पर कब्जा कर लिया और विज्ञापनदाताओं को सब्लेट करके मोटी कमाई कर रहा है। इस सारे खेल में नगर निगम के कुछेक अधिकारी शामिल हैं। वह शख्स एक साइट के लिए नगर निगम को बीस-बाई-दस का प्रतिमाह 14 हजार रुपये अदा करता है, जबकि उस साइड पर विज्ञापनदाताओं से पैंतीस से चालीस हजार रुपये प्रतिमाह वसूल रहा है। नियमों के मुताबिक ठेका समाप्त है, तो होर्डिग्स फीस वसूलने की जिम्मेदारी निगम की होनी चाहिए। एक शख्स इतनी ज्यादा साइटों पर कब्जा नहीं कर सकता। अगर ऐसा करना भी है तो वह अपने बिजनेस का विज्ञापन करे, न कि इसकी आड़ में दुकानदारों से ज्यादा पैसे लेकर अपनी दुकानदारी चमकाए। सूत्र बताते हैं कि आठ माह में करीब साठ लाख की गेम हुई है।

नीति व नीयत पर उठे सवाल

यह तो निगम के अधिकारी ही बता सकते हैं कि किस नीति और नीयत से मालदार साइटों को एक शख्स के हवाले किया है, वह भी बिना टेंडर के। इस सारे प्रकरण में दुकानदारों और अन्य कंपनियों के विज्ञापनदाताओं की जेब ढीली हो रही है। सरकार को चूना लग रहा है। मोटी मलाई कोई और ही खा रहा है। इसे लेकर अब नगर निगम के सुपरिटेंडेंट अमित कुमार के पास कोई ठोस जवाब नहीं है। वह गोलमोल जवाब देकर पल्ला छुड़ाते नजर आते हैं। ईमानदारी से जांच होने पर बड़ा गड़बड़झाला निकलकर सामने आएगा।

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