महान राष्ट्रभक्त थे श्यामा प्रसाद : सतपाल शास्त्री

केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर पर लगा अनुच्छेद-370 का दंश हमेशा के लिए मिटा दिया। इससे एक विधान एक निशान और एक प्रधान की व्यवस्था लागू हो गई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 06:11 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 05:43 AM (IST)
महान राष्ट्रभक्त थे श्यामा प्रसाद : सतपाल शास्त्री
महान राष्ट्रभक्त थे श्यामा प्रसाद : सतपाल शास्त्री

संवाद सहयोगी, दातारपुर : केंद्र सरकार ने पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर पर लगा अनुच्छेद-370 का दंश हमेशा के लिए मिटा दिया। इससे एक विधान, एक निशान और एक प्रधान की व्यवस्था लागू हो गई। बुधवार को डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बालिदान दिवस पर चर्चा करते हुए भाजपा जिला महामंत्री सतपाल शास्त्री, भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सुशील कुमार पिकी ने कहा कि जनसंघ के संस्थापक ने करीब सात दशक पहले ही इस सपने को संजोया था और उसके लिए ही कुर्बान हो गए थे। उनकी 23 जून, 1953 को श्रीनगर की जेल में मौत हो गई थी। डा. ध्रुव सिंह ने कहा, मुखर्जी के बलिदान से जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रवादी ताकतों की मुहिम को बल मिला था। कुछ समय के बाद शेख अब्दुल्ला को भी गिरफ्तार कर लिया गया। प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने जम्मू-कश्मीर में परमिट सिस्टम को खत्म कर दिया। वहीं भाजपा जिला सचिव संजीव भारद्वाज ने कहा कि महाराजा हरि सिंह के जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय के बावजूद नेहरू और शेख अब्दुल्ला के समझौते के तहत अनुच्छेद-370 पूर्ण बाधा बन गया था। यहां तक कि किसी को भी राज्य में प्रवेश के लिए परमिट लेना जरूरी हो गया था। प्रजा परिषद ने देश में जम्मू-कश्मीर के संपूर्ण विलय की मांग को लेकर पंडित प्रेमनाथ डोगरा के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में ही बड़ा आंदोलन चलाया था। उन्हें कश्मीर में 44 दिन जेल में रखा गया, जहां 23 जून, 1953 को संदिग्ध हालात में उनकी मौत हो गई। आज उनकी पुण्यतिथि के आवसर पर कोटि कोटि नमन व श्रद्धांजलि भेंट करते हैं।

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