मिछामी दुक्कड़म कह समाज से मांगी क्षमा

श्री आत्मानंद जैन सभा की तरफ से श्री वासुपूज्य जैन स्वर्ण मंदिर में कार्यक्रम करवाया

By JagranEdited By: Publish:Fri, 10 Sep 2021 05:10 PM (IST) Updated:Fri, 10 Sep 2021 05:10 PM (IST)
मिछामी दुक्कड़म कह समाज से मांगी क्षमा
मिछामी दुक्कड़म कह समाज से मांगी क्षमा

जागरण टीम, होशियारपुर : श्री आत्मानंद जैन सभा की तरफ से श्री वासुपूज्य जैन स्वर्ण मंदिर से बैंड बाजों के साथ चैत्य परवाटी निकाली गई। जिसमें जैन समाज के श्रावक-श्राविकाओ की तरफ से पोषध ली गई। इसमें साध्वी सुमनिशा जी महाराज भी शामिल हुए।

इस मौके पर सभा के प्रधान राकेश जैन ने कहा कि हमारी पृथ्वी पर बहुत सी अमूल्य चीजें विराजमान है। उन सभी चीजों में से मानव भी अपनी महत्व को भली-भांति समझता है। पृथ्वी पर मौजूद मानव एक ऐसा प्राणी है, जो किसी अन्य व्यक्ति के भावना, दुख-दर्द, खुशी-गम और अनेकों प्रकार की चीजों को महसूस या अनुभव करने की शक्ति रखता है। यही कारण है, कि यदि कोई व्यक्ति हमें कुछ बुरा-भला कहता है तो हमें बहुत ही दुख होता है और फिर हम उस व्यक्ति से ईष्र्या करने लगते हैं। कई बार बड़े-बड़े मानवीय रिश्ते में न जुड़ने वाली दरारें पड़ जाती हैं, ऐसा इसलिए होता है, कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को किसी कार्य या किसी अन्य चीजों के माध्यम से उसे दुख पहुंचाया होता है। जिन दो व्यक्तियों के रिश्तों में किन्ही कारणों की वजह से दरारे आती हैं, यदि वे दो व्यक्ति एक दूसरे से क्षमा मांग ले या फिर एक दूसरे के प्रति संवेदनशील हो जाए तो, ऐसे रिश्ते टूटने से बच सकते हैं। जैन धर्म के लिए पर्यूषण पर्व सबसे अधिक महत्वपूर्ण पर्व है। इस पर्व को मनाते समय लोग पूजा, अर्चना, समागम, तपस्या, आरती, त्याग, उपवास आदि जैसे धार्मिक कार्यक्रमों को करते हैं।

इस अवसर पर श्रीकांत जैन, जैन शिक्षा निधी के प्रधान जीवन जैन, मनिक जैन, साहिल जैन, गौरव जैन, राजेश जैन, संदीप जैन आदि समाज के लोग उपस्थित हुए।

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