शहर की पहचान शीश महल के बहुरेंगे दिन, फिर से होगी चहलपहल
शनिवार को लंबे अरसे के बाद होशियारपुर शहर की शान कहे जाने वाले शीश महल की सफाई शुरू
संवाद सहयोगी, होशियारपुर : शनिवार को लंबे अरसे के बाद होशियारपुर शहर की शान कहे जाने वाले शीश महल को सफाई करने के लिए उसकी ऊपरी मंजिल को खोला गया। सफाई कर रहे लोगों ने बताया कि डीसी अपनीत रियात के आदेशों पर शीश महल में सफाई की जा रही है। अभी दो तीन दिन और सफाई को लग सकते हैं।
गौर हो कि शीश महल की इमारत बहुत पुरानी हो चुकी है। इस ईमारत के अंदर और बाहर बड़ी खूबसूरत मूर्तियां बनाई हुई हैं। यह मूर्तियां ब्रिटिश साम्राज्य और भारतीय सभ्यता को भी दर्शाती हैं। यह सभी मूर्तियां देखने योग्य हैं, परंतु सरकार और प्रशासन की अनदेखी के कारण शीश महल की इस ईमारत की हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है। क्योंकि इस ईमारत की अच्छी तरह से न तो साफ सफाई की जाती है और न ही अच्छी तरह से देखभाल की जाती है। समय पर साफ सफाई न होने से शीश महल के अंदर और बाहर बनी हुई मूर्तियों पर बहुत अधिक धूल व मिट्टी जम चुकी है। इन मूर्तियों को कई वर्ष पहले रंग किया गया हो, बाद में इन मूर्तियों की किसी ने बात तक नहीं पूछी। शीश महल की इमारत भी मौजूदा समय में जर्जर हालत में हो चुकी है। इस ईमारत पर जो नक्काशी की गई है वह कलाकारी देखने योग्य है, वह नक्काशी भी जगह जगह से खंडित हो चुकी है। पुरातत्व विभाग की अनदेखी का शिकार शीश महल धीरे धीरे अपने अस्तित्व को खोता जा रहा है। शीश महल को लाला हंस राज जैन ने वर्ष 1911 में प्रसिद्ध मूर्तिकार जान मोहम्मद खां से बनवाया था। मौजूदा समय में भी जो लोग होशियारपुर से बाहर के आते हैं। वह शीश महल की सुंदरता को देखकर इसकी तारीफ करते हैं। शीश महल के सामने खड़े होकर कई लोगों को फोटो खिचवाते भी आम देखा जा सकता है।