सचिव ने केंद्रीय जेल में सुनी हवालातियों व कैदियों की समस्याएं

सीजेएम कम सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी अपराजिता जोशी ने वीरवार को केंद्रीय जेल का दौरा कर हवालातियों व कैदियों की समस्याओं को सुना।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 07:08 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 07:11 AM (IST)
सचिव ने केंद्रीय जेल में सुनी हवालातियों व कैदियों की समस्याएं
सचिव ने केंद्रीय जेल में सुनी हवालातियों व कैदियों की समस्याएं

जागरण टीम, होशियारपुर : सीजेएम कम सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी अपराजिता जोशी ने वीरवार को केंद्रीय जेल का दौरा कर हवालातियों व कैदियों की समस्याओं को सुना। इस दौरान उन्होंने बताया कि सीआरपीसी के चैप्टर 21-ए के अंर्तगत 265-ए से लेकर 265-एल तक यदि किसी केस में पहले सजा हुई है, तो उसमें प्लीअ बारगेनिग (क्षमा की गुहार) नहीं हो सकती। सात वर्ष से कम केस वाले की प्लीअ बारगेनिग की जा सकती है। इनमें हत्या का मामला, महिलाओं के सोशल अफेंस, बच्चों के खिलाफ जो 14 वर्ष से अधिक के न हो शामिल है।

म्यूचल सैटीसफैक्ट्री डिसपोजिशन कोर्ट द्वारा फिक्स की जाती है। इसमें दोषी को एफीडेविट लगाना होता है। इसके बाद सरकारी वकील व दोषी को बिठा कर बात होती है। इससे यह होता है कि दोषी की तरफ से शिकायत देने का आर्डर किया जा सकता है व उसे प्रोबेशन पर छोड़ा जा सकता है या सजा कम की जा सकती है व एक वर्ष की सजा को आधा किया जा सकता है। जो उपरोक्त धाराओं के अंर्तगत नहीं आते उनकी एक चौथाई सजा की जा सकती है। इस निर्णय की अपील नहीं होती, रिट के माध्यम से हाई कोर्ट में इसका निर्णय हो सकता है। अपराजिता जोशी ने इस दौरान केंद्रीय जेल के अस्पताल का दौरा भी किया। उन्होंने वहां इलाज करवा रहे हवालातियों का हालचाल जाना व दवाइयों के बारे में डाक्टर से बातचीत भी की। इसके अलावा उन्होंने महिलाओं की बैरक का भी दौरा किया व सरबत का भला एनजीओ की ओर से महिलाओं को सिलाई मशीनें मुहैया करवा कर कपड़े का मास्क बनाने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर केंद्रीय जेल के सुपरिंटेंडेंट व स्टाफ मौजूद था।

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