हादसों का कारण बन सकती हैं रिहायशी इलाके में बनी कबाड़ की दुकानें

नियमों के ठेंगा दिखाकर रिहायशी इलाकों में कई जगह कबाड़ की दुकानें चल रही हैं। दूसरी ओर नगर निगम अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी अंजान बने बैठे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 11 Jul 2021 06:20 PM (IST) Updated:Mon, 12 Jul 2021 06:16 AM (IST)
हादसों का कारण बन सकती हैं रिहायशी इलाके में बनी कबाड़ की दुकानें
हादसों का कारण बन सकती हैं रिहायशी इलाके में बनी कबाड़ की दुकानें

वरिदर बेदी, होशियारपुर

नियमों के ठेंगा दिखाकर रिहायशी इलाकों में कई जगह कबाड़ की दुकानें चल रही हैं। दूसरी ओर, नगर निगम अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी अंजान बने बैठे हैं। शहरी इलाके में कबाड़ की दुकानें किसी खतरे की घंटी से कम नहीं हैं। इन दुकानों के कारण आसपास के लोग भी परेशान हैं। दबी जुबान में तो सभी विरोध करते हैं, मगर मुसीबत मोल लेने के डर से कोई खुलकर नहीं बोल रहा। शहर के कमेटी बाजार, न्यू माडल टाउन, हीरा कालोनी, कमालपुर सहित कई ऐसे घनी आबादी वाले इलाके हैं, जहां नियमों को ताक पर रखकर कबाड़ की दुकानें चलाई जा रही हैं मगर फिर भी निगम कुंभकर्णी नींद से जागने के लिए तैयार नजर नहीं आ रहा। शहर के कई रिहायशी इलाकों में चल रही कबाड़ की दुकानों से भविष्य में कोई खतरा न होने से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसी घटनाएं जो सुनकर सहम जाते हैं कान भंगी चोअ के पास लोहा तोड़ते बम विस्फोट, तीन मरे

कुछ साल पहले भंगी चोअ के पास रिहायशी इलाके में बनी दुकान में लोहा तोड़ते समय बम विस्फोट हो गया था जिससे तीन लोगों की मौत हो गई व दो अन्य बुरी तरह से घायल हो गए। उस समय अफसरशाही ने रिहायशी इलाकों में ऐसी दुकानों को बाहर ले जाने संबंधी बात कही थी मगर बात सिर्फ बात तक सीमित रही।

कमेटी बाजार की घनी आबादी में कबाड़ से भड़की थी आग

अढ़ाई साल पहले कमेटी बाजार की घनी आबादी के रिहायशी इलाके में कबाड़ की दुकान में आग भड़क गई थी लेकिन बड़ा नुकसान होने से बच गया था। उस समय भी निगम अधिकारियों ने पहले पहल तो इसे यहां से बाहर ले जाने के लिए कहा था, मगर बाद में हालात फिर ढाक के तीन पात होकर रह गए। सियासी पहुंच बन रही हादसों की वजह

कमेटी बाजार में कबाड़ की दुकान के आसपास रहने वाले लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यहां कबाड़ का काम करने वाले दुकान मालिक की राजनीतिक पहुंच है। इस वजह से दुखी तो हैं, मगर कोई सामने आकर बोलने से डरता है। पिछली बार भी जब कबाड़ की दुकान में आग लगी थी, तो आसपास इलाके को खतरा हो गया था। उस वक्त दुकान यहां से शिफ्ट करवाने के लिए निगम अधिकारियों को काफी कहा था। दुकानदार ने इसी इलाके में दो-तीन घरों के अलावा एक गोदाम में भी कबाड़ रखा हुआ है।

न्यू माडल टाउन में कबाड़ से घिरी सड़क

न्यू माडल टाउन में दो कबाड़ की दुकानें हैं जिनके मालिकों ने सड़क के दोनों किनारों पर सामान रखा हुआ है। कबाड़ की दुकानों के साथ रिहायशी मकान भी हैं जिस वजह से इलाका वासी काफी परेशान हैं मगर दुश्मनी मोल लेने के चककर में कोई सामने आकर बोल नहीं रहा। देखा जाए तो रिहायशी इलाके में कबाड़ की दुकानें होने से कई बार हादसे सामने आ चुके हैं। इसके बावजूद नियमों को ताक पर रख रिहायशी इलाकों में खुली कबाड़ की दुकानों पर निगम की ढुलमुल कार्रवाई कई सवाल पैदा करती है।

अधिकरियों से बात कर निकालेंगे हल : मेयर

इस बारे में मेयर सुरिदर कुमार शिदा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह मसला काफी गंभीर है। रिहायशी इलाके में कबाड़ का काम नहीं किया जा सकता। वह दो एक दिन में इसके बारे में निगम अधिकारियों से बैठक करके समाधान करेंगें। किसी को परेशानी नहीं आने दी जाएगी।

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