कबाड़ की दुकानें इसान के जीवन के लिए बन रहीं खतरा

दीपावली के सीजन में आगजनी की घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 05:00 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 05:00 AM (IST)
कबाड़ की दुकानें इसान के जीवन के लिए बन रहीं खतरा
कबाड़ की दुकानें इसान के जीवन के लिए बन रहीं खतरा

जागरण संवाददाता, होशियारपुर :

दीपावली के सीजन में आगजनी की घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है। पटाखे से निकलने वाली चिंगारी शोला बन जाती है। ऐसे में शहरी इलाके में प्रशासन को ठेंगा दिखाकर चल रही कबाड़ की दुकानें आग में घी का काम कर रही हैं। नियमों को ताक पर रखकर शहरी इलाके में चल रही कबाड़ की दुकानें खतरे की घंटी बनी हुई हैं। नगर निगम कुंभकर्णी नींद में है। नियमों की बात की जाए तो रिहाइशी इलाकों में कबाड़ कि दुकानें नहीं खोली जा सकती। मगर सरकारी तंत्र की लापरवाही के चलते शहर के ज्यादातर रिहायशी इलाकों में सरेआम कबाड़ की दुकानें खुली हैं। कबाड़ की दुकानों में कबाड़ी तरह-तरह का कबाड़ भरकर रखते हैं।

हादसे से भी नहीं ली प्रशासन ने सीख

कबाड़ का काम करने वाले कबाड़ी जहानखेलां, खड़का ट्रेनिग कैंप के बाहर से प्रयोग किए हुए बारूद के खाली खोल व मोर्टार आदि भी वहां से उठाकर ले आते हैं, जो हादसे का कारण बन चुके हैं। बात दें कि कुछ साल पहले भंगी चोअ इलाके में कबाड़ की दुकान में लोहा तोड़ते समय विस्फोट होने से तीन व्यक्तियों की मौत हो गई थी तथा दो लोग घायल हो गए थे। वहीं एक हादसा रविदास नगर में हुआ था, जिसमें एक की मौत व एक गंभीर रूप से घायल हो गया था। ऐसे भंयकर हादसों से भी आज तक प्रशासन ने सीख नहीं ली और आज भी यह कबाड़ की दुकानें बदस्तूर चल रही हैं। यदि बात कमेटी बाजार की हो तो ऐसे ही कुछ साल पहले कमेटी बाजार की घनी आबादी में चल रही कबाड़ की दुकान में आग भड़क गई थी। बड़ा नुकसान होते-होते बचा था। फिर भी नगर निगम ने चुप्पी नहीं तोड़ी। यह कहना गलत नहीं होगा कि नगर निगम का उदासीन रवैया किसी दिन काफी भारी पड़ेगा तो शायद कुछ गलत नहीं होगा।

जल्द चलाया जाएगा अभियान : स्वामी सिंह

समस्या गंभीर है इसके खिलाफ जल्द ही अभियान चलाया जाएगा। वैसे तो पहले भी कार्रवाई चलती रही है लेकिन अब इस पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा ताकि इलाके में कोई अप्रिय घटना न हो।

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