सर्वसांझी बेगमपुरा सेवा सोसायटी ने आंबेडकर जयंती मनाई

सर्वसांझी बेगमपुरा सेवा सोसायटी शेरपुर गोलिड के बैनर तले गांव असलपुर में हंस राज सरोया प्रधान के नेतृत्व में बाबा साहिब डा. भीम राव आंबेडकर जयंती मनाई गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 05:03 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 05:03 PM (IST)
सर्वसांझी बेगमपुरा सेवा सोसायटी ने आंबेडकर जयंती मनाई
सर्वसांझी बेगमपुरा सेवा सोसायटी ने आंबेडकर जयंती मनाई

जागरण टीम, होशियारपुर : सर्वसांझी बेगमपुरा सेवा सोसायटी शेरपुर गोलिड के बैनर तले गांव असलपुर में हंस राज सरोया प्रधान के नेतृत्व में बाबा साहिब डा. भीम राव आंबेडकर जयंती मनाई गई। इस समागम में सेवा सोसायटी के साथ जुड़े 20 गांवों के पुरुषों, महिलाओं तथा बच्चों ने भारी संख्या में भाग लिया। इस समागम की अध्यक्षता निर्मल सिंह, प्रधान ने की तथा स्टेज सचिव की भूमिका रणजीत सिंह, महासचिव ने निभाई। यह कार्यक्रम हंस राज सरोया की सेवानिवृत्ति को ध्यान में रखते हुए बाबा साहेब की जयंती को समर्पित था।

मुख्य वक्ता मास्टर महिद्र सिंह हीर ने कहा कि बाबा साहिब ने समूचे देश वासियों तथा विशेषकर नारी जाती, दलित तथा पिछड़े वर्गों को तरक्की के बराबरी के अवसर दिलवाने के लिए अपने तथा परिवार के सभी सुख आराम छोड़ कर जीवन भर संघर्ष किया तथा देश की आजादी के बाद सख्त मेहनत करके भारत के लोकतन्त्र तथा शासन को ठीक ढंग से चलाने के लिए संविधान की रचना की। परंतु आज संविधान में हर किसी को बराबरी के दिये गये अधिकार छीने जा रहे हैं जिसके कारण आज देश का किसान, मजदूर, मुलाजिम, दुकानदार तथा अन्य गरीब जनता दुखी नजर आ रही है तथा संघर्ष के लिए सड़कों पर उतर आई है। हीर ने कहा कि हमें अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष करना जरुरी है।

निर्मल सिंह प्रधान ने बाबा साहिब के 130वें जन्म दिवस के अवसर पर समूह संगत को बधाई दी तथा कहा कि 13 अप्रैल को बैसाखी वाला दिन तथा 14 अप्रैल भारत के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण दिन है। वैसाखी वाले दिन जुल्म तथा अत्याचार का मुकाबला करने के लिए श्री गुरु गोबिद सिंह ने पांच प्यारे सजा कर खालसा पंथ की स्थापना करके जात पात रहित समाज की सृजना की तथा बाबा साहिब ने जुल्म तथा अत्याचार करने बालों को सख्त सजा देने तथा हर किसी को बराबरी के अवसर देने के कानून बनाये।

इस अवसर पर केवल सिंह हीर, मास्टर रजिद्र सिंह, हंस राज सरोया, सूबेदार सरवण राम, मास्टर जोगिन्द्र लाल, बिट्टू शेखपुरी तथा सूबेदार जगजीत सिंह तथा अन्य नेताओं ने भी सम्बोधित किया। बच्चों ने बाबा साहिब संबधित गीत तथा कविताएं भी बोली। इस अवसर पर हंस राज सरोया तथा उनकी पत्नी को सेवा मुक्ती के अवसर पर सम्मानित किया गया।

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