सरपंचों व पंचों को भत्ता न दे पाई सरकार: संदीप सैनी
सरपंच व पंच सरकार प्रशासन और आम जनता के बीच कड़ी का काम करते हैं मगर पंजाब सरकार ने सरपंचों और पंचों को अनदेखा किया है।
जागरण टीम, होशियारपुर : सरपंच व पंच सरकार, प्रशासन और आम जनता के बीच कड़ी का काम करते हैं, मगर पंजाब सरकार ने सरपंचों और पंचों को अनदेखा किया है। यह आरोप आम आदमी पार्टी पंजाब के ट्रेड विग के राज्य ज्वाइंट सचिव संदीप सैनी ने लगाए। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्यों में सरपंचों व पंचों का मान भत्ता पंजाब से कई गुना अधिक है और समय पर दिया जा रहा है। इसके बावजूद यहां सरपंचों को 1200 रुपये दिए जाने वाला मान भत्ता भी कांग्रेस सरकार से नहीं मिल सका। हरियाणा में सरपंच को तीन हजार और पंच को एक हजार रुपये मान भत्ते के तौर पर मिलते हैं मगर पंजाब में सरपंचों पंचों को चौकीदारों के कम मान भत्ता मिल रहा है। आलम यह है कि सरपंच और पंच ढाई साल से मानभत्ते के लिए इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कैप्टन सरकार से सवाल किया कि क्या सरपंचों को मिलने वाला 12 सौ रुपये मान भत्ता खजाने पर भारी पड़ रहा है?
सूबे में सरपंचों की गिनती लगभग 13,276 के करीब है और इन्हें 1200 रुपये प्रति महीना देना भी सरकार के बस की बात नहीं है। पंजाब में कैप्टन अमरिदर सिंह की सरकार बड़े-बड़े वादे करके सत्ता पर काबिज हुई थी, मगर आज तक सरपंचों व पंचों को मान भत्ता नहीं दे पाई है।
अगर मान भत्ते के आंकड़ों के हिसाब से लेखा-जोखा किया जाए तो एक महीने का 1,59,31,200 के करीब बनता है और इसकी आज तक कुल रकम का हिसाब किया जाए तो 50 करोड़ 97 लाख 98,400 के करीब बनती है, मगर अफसोस की बात है कि कांग्रेस सरकार, अकाली-भाजपा सरकार की तरह ही सरपंचों के मान भत्ते का पैसा दबा कर बैठी हुई है। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। 2022 में पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आने पर सबसे पहले सरपंचों और पंचों का बनता मान सम्मान मान भत्ते के रूप में पहल के आधार पर किया जाएगा।