बर्ड फ्लू का असर : पौंग बांध झील के मछुआरों का कारोबार हो गया ठप
अंतरराष्ट्रीय वेटलैंड पौंग बांध झील के आसपास बर्ड फ्लू फै लने से पक्षियों की प्रतिदिन मौत हो रही है। इस कारण कांगड़ा के डीसी राकेश कुमार प्रजापति ने पौंग झील से मछलियों के पकड़ने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया था।
संवाद सहयोगी, तलवाड़ा : अंतरराष्ट्रीय वेटलैंड पौंग बांध झील के आसपास बर्ड फ्लू फै लने से पक्षियों की प्रतिदिन मौत हो रही है। इस कारण कांगड़ा के डीसी राकेश कुमार प्रजापति ने पौंग झील से मछलियों के पकड़ने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया था। इसका असर अब बस स्टैंड में मछली का व्यापार करने वाले एक दर्जन के करीब दुकानदारों पर पड़ रहा है। 15 दिन से कारोबार बंद होने के कारण उनके चूल्हे ठंडे हो गए हैं। इसके अतिरिक्त झील के आसपास गांवों के मछुआरे भी इस प्रतिबंध के कारण रोजी रोटी के लिए परेशानी उठा रहे हैं। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण पहले ही छह महीने तक झील में मतस्य आखेट पर प्रतिबंध लगा रहा। सितंबर में झील में मछुआरों ने मछली पकड़नी शुरू की थी, तो दिसंबर में बर्ड फ्लू के कारण फिर प्रतिबंध लग गया। इस वजह से मछली के कारोबारी बड़ी मुश्किल से घर चल पा रहे हैं।
तलवाड़ा के बस स्टैंड में मछलियों का कारोबार करने वाले करतार फिश कंपनी के अशोक कुमार, गुलाब फिश कंपनी के गुलाब चंद, रशपाल सिंह, राजकुमार व करतार सिंह के अतिरिक्त मछुआरे मनोज कुमार, सुभाष चंद, राकेश कुमार, इंद्रपाल, अशोक कुमार, संजय कुमार, संदीप कुमार व संजीव कुमार ने बताया कि झील में दो जनवरी से मतस्य आखेट पर प्रतिबंध लगने से उनके जाल पानी में ही रह गए हैं। किश्तियां भी सूखी जगह पर पड़ी हुई हैं। इस कारण उन्हें दीमक लग जाएगी व हजारों रुपये का नुकसान हो जाएगा। इन लोगों ने मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश जयराम ठाकुर, डीसी कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति से मांग की है कि झील में जो मछलियों को पकड़ने पर प्रतिबंध लगाया था, उसे तुरंत ही हटाया जाए, क्योंकि चार दिन से पक्षियों के मृतक अवस्था में मिलने की संख्या में भारी कमी होने लगी है।