नई शिक्षा नीति से बच्चों के प्रदर्शन की तीन स्तर पर होगी परख

नई शिक्षा नीति 2020 लागू होने से स्कूलों कालेजों व विश्वविद्यालयों में एजुकेशन सिस्टम काफी बदल जाएगा। इसके तहत स्कूल के बच्चों की परफार्मेंस का आकलन करने के लिए कई बदलाव किए गए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 05:40 PM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 05:14 AM (IST)
नई शिक्षा नीति से बच्चों के प्रदर्शन की तीन स्तर पर होगी परख
नई शिक्षा नीति से बच्चों के प्रदर्शन की तीन स्तर पर होगी परख

संवाद सहयोगी, दातारपुर : नई शिक्षा नीति 2020 लागू होने से स्कूलों, कालेजों व विश्वविद्यालयों में एजुकेशन सिस्टम काफी बदल जाएगा। इसके तहत स्कूल के बच्चों की परफार्मेंस का आकलन करने के लिए कई बदलाव किए गए हैं। मंगलवार को दैनिक जागरण के साथ वार्ता में नई शिक्षा नीति के जिला भाजपा महामंत्री सतपाल शास्त्री व जिला उपाध्यक्ष संग्राम सिंह ने कहा, अब बच्चों के प्रदर्शन को तीन स्तर पर परखा जाएगा। रिपोर्ट कार्ड में बदलाव होगा। उसका तीन स्तर पर आकलन किया जाएगा। एक स्वयं छात्र करेगा, दूसरा सहपाठी और तीसरा शिक्षक। नेशनल एसेसमेंट सेंटर परख बनाया जाएगा, जो बच्चों के सीखने की क्षमता का समय-समय पर परीक्षण करेगा। पढ़ाई छोड़ चुके करीब दो करोड़ बच्चों को फिर दाखिला दिलाया जाएगा। रिपोर्ट कार्ड बच्चे का पोर्टफोलियो होगा। उन्होंने कहा, हर कक्षा में जीवन कौशल परखने पर जोर होगा ताकि जब बच्चा 12वीं कक्षा से निकलेगा तो उसके पास पूरा पोर्टफोलियो होगा। इसके अलावा पारदर्शी व आनलाइन शिक्षा को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया है। पांचवीं तक मातृभाषा में पढ़ाई

दोनों नेताओं ने बताया कि नई शिक्षा नीति में बच्चों का तनाव कम करने और ज्यादा से ज्यादा सहूलियत देने के लिए कई बड़ी बातें कहीं गई हैं। कक्षा पांचवीं तक और जहां तक संभव हो सके आठवीं तक मातृभाषा में ही शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। नई नीति में 12 साल की स्कूल शिक्षा का प्रावधान किया है। अब तक शिक्षा प्रणाली से दूर रखे तीन से छह साल के बच्चों को भी स्कूली पाठ्यक्रम के तहत लाया जाएगा। उनके लिए विशेष पाठ्यक्रम लांच किया जाएगा। कक्षा छह से ही छात्रों में कौशल विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके लिए विशेष तौर पर वोकेशनल कोर्स शुरू किए जाएगा। इसके इच्छुक छात्रों को छठी क्लास के बाद से ही इंटर्नशिप करवाई जाएगी। इसके अलावा संगीत और कला को बढ़ावा दिया जाएगा।

रटने रटाने का दौरा होगा खत्म

नई शिक्षा नीति में 10वीं एवं 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को आसान बनाने का एलान किया गया है। परीक्षाएं दो बार कराने, वस्तुनिष्ठ और व्याख्यात्मक दो भागों में कराने का भी सुझाव है। बोर्ड परीक्षाओं में विद्यार्थियों की वास्तविक क्षमताओं व योग्यताओं को परखा जाएगा। छात्रों द्वारा रटे हुए सवालों पर बोर्ड परीक्षा का दारोमदार अब नहीं रहेगा। नीति में कहा गया है कि विभिन्न बोर्ड आने वाले समय में परीक्षाओं के व्यवहार्य माडल तैयार करेंगे। जैसे वार्षिक, सेमेस्टर और मोडयूलर परीक्षाएं।

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