श्री गुरु गोबिद सिंह जी का प्रकाशोत्सव श्रद्धा के साथ मनाया

गुरु सिंह सभा के प्रधान कुलदीप सिंह के मार्गदर्शन में धन धन श्री गुरु गोबिद सिंह का प्रकाशोत्सव मुख्य गुरुद्वारा में मनाया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 04:45 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 04:45 AM (IST)
श्री गुरु गोबिद सिंह जी का प्रकाशोत्सव श्रद्धा के साथ मनाया
श्री गुरु गोबिद सिंह जी का प्रकाशोत्सव श्रद्धा के साथ मनाया

संवाद सहयोगी, हाजीपुर : गुरु सिंह सभा के प्रधान कुलदीप सिंह के मार्गदर्शन में धन धन श्री गुरु गोबिद सिंह का प्रकाशोत्सव मुख्य गुरुद्वारा में मनाया। विभिन्न रागी जत्थों ने अपनी अपनी प्रस्तुति देकर संगत को निहाल किया। भाई अमर सिंह व निर्मल सिंह ने शब्द गायन से सबका मन मोह लिया। भाई नरेंद्र सिंह, बीबी रंजीत कौर, बीबी रूपिदर कौर, बीबी जसलीन कौर ने भी कीर्तन किया। गुरुद्वारा सिंह सभा के प्रधान कुलदीप सिंह ने गुरु गोबिद सिंह के जीवन पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि श्री गुरु गोबिद सिंह के दिखाए रास्ते पर चलकर ही हम समाज को एक नई दिशा दे सकते हैं। उन्होंने संगत को प्रकाशोत्सव की बधाई दी और दो दिन से जारी श्री अखंड पाठ साहिब का भोग डाला गया। इस अवसर पर स्वरूप सिंह, जोगिदर सिंह, मनजीत सिंह, सुखविदर सिंह, पाल सिंह उपस्थित थे। इसी तरह गुरुद्वारा सिंह सभा मियानी रोड में महान नगर कीर्तन निकाला गया। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की छत्रछाया में पांच प्यारों ने इसका नेतृत्व किया। इस दौरान श्री गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी फूलों के साथ सजी हुई थी। जयकारों की गूंज के साथ नगर कीर्तन आरंभ किया जो खैराबाद, कोटली, छांगला, जंड, उस्मान शहीद कस्बा रोड, माता रानी चौक, पुस्तकालय चौक, सब्जी मंडी, गग्गी की चक्की, मियानी रोड, गुरुद्वारा सिंह सभा में समाप्त हुआ। अलग अलग स्थानों पर फूलों की वर्षा करके स्वागत किया गया। गुरुद्वारा सिंह सभा के हेड ग्रंथी भाई बिक्रमजीत सिंह और जत्थों ने कीर्तन द्वारा संगत को निहाल किया। जतिदर सिंह बाजवा ने सभी का धन्यवाद किया। इस अवसर पर पूर्व प्रधान करनैल सिंह, पूर्व सचिव अमरीक सिंह गग्गी, सुखविदर सिंह बाजवा, जगमोहन सिंह लाडी पुरी, तरसेम सिंह खालसा, निर्मल सिंह, सचिव परमजीत सिंह पंमा, गुरदीप सिंह एक, खजांची राजू ठुकराल, जोगिदर सिंह भाटिया, जसविदर सिंह, दविदर सिंह काहलों, जगमोहन सिंह बब्बू घुम्मण, कर्मबीर सिंह घुम्मण, अमरप्रीत सिंह खालसा, रोकी उपस्थित थे।

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