श्री गुरु गोबिद सिंह का प्रकाशोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया

श्री गुरु गोबिद सिंह का 354वां प्रकाशोत्सव बड़ी धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ शहर के विभिन्न गुरुद्वारों में मनाया।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 05:00 AM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 05:00 AM (IST)
श्री गुरु गोबिद सिंह का प्रकाशोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया
श्री गुरु गोबिद सिंह का प्रकाशोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया

संवाद सहयोगी, होशियारपुर : श्री गुरु गोबिद सिंह का 354वां प्रकाशोत्सव बड़ी धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ शहर के विभिन्न गुरुद्वारों में मनाया। बुधवार को पिछले तीन दिन से चल रहे श्री अखंड पाठ साहिब के भोग डाले गए। इसके बाद कथावाचक रागी सिंह ने गुरबाणी की इलाही बाणी का कीर्तन किया। श्रद्धालुओं ने गुरु साहिब जी की धर्म के प्रति दी कुर्बानी को याद किया। मुख्य गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा रेलवे रोड, कलगीधर माडल टाउन, डेरा हरि भगतपुरा, मिट्ठा टिवाना माडल टाउन, भाई जोगा सिंह गुरुद्वारा शेखा मोहल्ला के अलावा मोहल्ला सुखिया के गुरुद्वारा में कार्यक्रम का आयोजन किया। गुरुद्वारा के प्रधान जगजीत सिंह ने बताया कि श्रद्धालुओं को लंगर ग्रहण करवाया गया। उन्होंने बताया कि संक्रांति व अमावस्या पर भी गुरुद्वारा साहिब में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। कार्यक्रम में दिलबाग सिंह, भजन सिंह, मनजीत सिंह, लवप्रीत सिंह, अनमोल सिंह, सुख, यशपाल सिंह, बीबी रछपाल कौर, कुलविदर कौर, सतिदर कौर, रजनी बाला, शशीकांता, बलविदर कौर, बलजीत कौर, सिमरजोत कौर, रंजीत कौर उपस्थित रहे।

उधर, दसूहा में श्री गुरु गोबिद सिंह के गुरुपर्व के अवसर पर समस्त इलाका वासियों को विधायक अरुण डोगरा ने बधाई दी। उन्होंने कहा कि श्री गुरु गोबिद सिंह जहां विश्व की बलिदानी परंपरा में अद्वितीय थे, वहीं एक महान लेखक, मौलिक चितक व संस्कृत सहित कई भाषाओं के ज्ञाता भी थे। उन्होंने कई ग्रंथों की रचना की। वह विद्वानों के संरक्षक थे। 1699 में बैसाखी के दिन खालसा जोकि सिख धर्म के विधिवत दीक्षा प्राप्त अनुयायियों का सामूहिक रूप है, उसका निर्माण किया। भक्ति व शक्ति के अद्वितीय संगम थे, इसलिए उन्हें संत सिपाही भी कहा जाता है। डोगरा ने कहा, श्री गुरु गोबिद सिंह के जीवन से यह ज्ञान मिलता है कि जो व्यक्ति परमात्मा के पथ पर चलता है, भगवान उसके कर्मो का कर्ता स्वंय बनता है।

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