दुकान का नक्शा पास करने के लिए मांगी पांच हजार की रिश्वत, रंगे हाथ निगम का बिल्डिंग इंस्पेक्टर काबू

नगर निगम कार्यालय में बुधवार दोपहर करीब 12 बजे तब हड़कंप मच गया जब विजिलेंस टीम ने डीएसपी नरंजन सिंह विरदी के नेतृत्व में बिल्डिंग इंस्पेक्टर गौरव ठाकुर को पांच हजार रिश्वत लेते रंगे हाथ काबू किया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Jan 2021 07:51 PM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 07:14 AM (IST)
दुकान का नक्शा पास करने के लिए मांगी पांच हजार की रिश्वत, रंगे हाथ निगम का बिल्डिंग इंस्पेक्टर काबू
दुकान का नक्शा पास करने के लिए मांगी पांच हजार की रिश्वत, रंगे हाथ निगम का बिल्डिंग इंस्पेक्टर काबू

संवाद सहयोगी, होशियारपुर : नगर निगम कार्यालय में बुधवार दोपहर करीब 12 बजे तब हड़कंप मच गया जब विजिलेंस टीम ने डीएसपी नरंजन सिंह विरदी के नेतृत्व में बिल्डिंग इंस्पेक्टर गौरव ठाकुर को पांच हजार रिश्वत लेते रंगे हाथ काबू किया। डीएसपी निरंजन सिंह विरदी के अनुसार शिकायतकर्ता बिल्ला दिलावर वासी महिलांवाली ने बताया कि कुछ समय पहले बजवाड़ा कालोनी में पत्नी किरण बाला के नाम पर प्लाट खरीदा था। वहां दुकान बनाना चाहता था। सारे दस्तावेज पूरे करने के बाद नक्शा पास कराने के लिए आर्किटेक्ट दविदर सिंह के पास गया जिसने सारी फाइल पूरी कर नगर निगम कार्यालय में जमा करा दी और कहा कि कुछ दिनों बाद नक्शा ले आना। मगर, वह जब भी दुकान का नक्शा मांगने जाता था तो एक ही जवाब मिलता कि अभी टाइम लगेगा। काफी समय बीतने के बाद आर्किटेक्ट से बात की तो उसने कहा कि नक्शा पास करने के लिए बिल्डिंग इंस्पेक्टर दस हजार रुपये मांग रहा हैं। उसके साथ सौदा पांच हजार रुपये में पक्का हो गया है।

इसके बाद बिल्ला दिलावर ने विजिलेंस विभाग को शिकायत कर दी तो विजिलेंस विभाग ने बुधवार बाद दोपहर को शिकायतकर्ता को साथ लेकर बिल्डिंग ब्रांच में छापेमारी कर दी। मौके पर ही गौरव ठाकुर को काबू कर लिया था। हालांकि, उस दौरान डीएसपी विजिलेंस ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया था। शाम को उन्होंने बताया कि सरकारी गवाह के रूप में दो व्यक्ति हरमेश कुमार वेटनरी अधिकारी और राजेश कुमार इंस्ट्रक्टर सामने आए हैं। वहीं पुलिस ने मामला दर्ज करके कार्रवाई शुरू की है। शिकायतें बहुत आती मगर सामने कोई नहीं आता

डीेएसपी विजिलेंस नरंजन सिंह विरदी ने बताया कि उक्त विभाग की बहुत सारी शिकायतें उनके कार्यालय पहुंचती हैं, मगर कोई भी व्यक्ति सामने नहीं आता है और कार्रवाई तो तभी हो सकती है जब कोई सामने आकर शिकायत करे।

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