बेटियों को बेटों के बराबर अवसर प्रदान करें: साहनी
जेएनएन टांडा बेटियों को मां दुर्गा और मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है। हर घर में बेटों से ज्यादा बड़ा दर्जा बेटियों को दिया जाता है।
जेएनएन, टांडा
बेटियों को मां दुर्गा और मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है। हर घर में बेटों से ज्यादा बड़ा दर्जा बेटियों को दिया जाता है। हालांकि बेटियों के होने की खुशी एक दिन नहीं बल्कि साल के पूरे दिन मनाई जानी चाहिए। यह बातें सेंट सोल्जर डिवाइन पब्लिक स्कूल टांडा की ओर से ऑनलाइन मनाए गए विश्व बेटी दिवस पर स्कूल डायरेक्टर इंदर कुमार साहनी ने कहीं।
उन्होंने कहा कि डॉटर्स डे मनाने की खास वजह यह भी है कि लोगों को बेटियों और लड़कियों के प्रति जागरूक करना। बेटियां किसी भी तरह से बेटों से कम नहीं हैं, जरूरत है तो उनको बेटों के बराबर अवसर प्रदान करने की।
स्कूल प्रिसिपल सतविदर कौर ने कहा कि आमतौर पर भारत में अभी लड़कियों को लेकर लोगों की मानसिकता में उतना ज्यादा विकास नहीं हुआ है। इस वजह से भी लोगों की इस सोच में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए यह दिवस मनाया जाता है। आज भी भारत में बेटियों को बेटों की तुलना में पीछे रखना, उन्हें जन्म से पहले कोख में ही मार देना, दहेज के नाम पर उनकी प्रताडऩा जैसी कई कुरीतियां देखने को मिलती है। समाज में फैली इन्हीं कुरीतियों को मिटाने के लिए बेटी दिवस का महत्व ओर भी बड़ जाता है। डायरेक्टर साहनी व प्रिसिपल सतविदर कौर ने लड़कियों की शिक्षा पर जोर देते हुए सभी अभिभावकों कों बेटियों को बेटों के बराबर अवसर प्रदान करने की अपील की।