चौदह साल से पक्का करने की लड़ाई, दो घंटे तक पनबसों का चक्का जाम

पनबस कांट्रैक्ट यूनियन पंजाब के दिशा निर्देश पर होशियारपुर डिपो बुधवार को सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक दो घंटे के लिए बंद रखा गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Aug 2021 04:50 PM (IST) Updated:Thu, 26 Aug 2021 06:59 AM (IST)
चौदह साल से पक्का करने की लड़ाई, दो घंटे तक पनबसों का चक्का जाम
चौदह साल से पक्का करने की लड़ाई, दो घंटे तक पनबसों का चक्का जाम

संवाद सहयोगी, होशियारपुर : पनबस कांट्रैक्ट यूनियन पंजाब के दिशा निर्देश पर होशियारपुर डिपो बुधवार को सुबह 10 से दोपहर 12 बजे तक दो घंटे के लिए बंद रखा गया। इस दौरान पनबस कांट्रैक्ट यूनियन के सदस्यों ने पंजाब सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। डिपो यूनियन प्रधान रमिदर सिंह व नरिदर सिंह ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए बताया कि 14 साल से स्थायी करने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। हर बार सरकार की तरफ से मांगें माने जाने का लालीपाप दिया जाता है मगर बाद में इस संबंध में कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई जाती। इसके चलते बस स्टैंड बंद रखा गया व पनबस की कोई भी बस रूट के लिए नहीं निकली। उनका कहना है कि अगर इस बार भी सरकार ने मांगों के प्रति ध्यान न दिया तो छह सितंबर से पनबस, पंजाब रोडवेज व पीआरटीसी के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे। इस दौरान कैप्टन सरकार के मंत्रियों, विधायकों का बाहर आने पर पुरजोर विरोध किया जाएगा। सात सितंबर को चंडीगढ़ में विधानसभा के आगे पक्के तौर पर धरना लगाया जाएगा। इसके अलावा पंजाब के चारों बड़े शहर अमृतसर, जालंधर, लुधियाना और पटियाला पूर्ण रूप से बंद रखे जाएंगे। इस मौके सुनील कुमार, कुलवंत सिंह, गुरमीत सिंह, दविदर सिंह नूर, चरनजीत सिंह, रोहित कुमार, कैप्टन सिंह, विक्रमजीत सिंह व अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।

यात्री होते रहे परेशान

बस स्टैंड बंद होने के कारण यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बसें नहीं चलने से दूसरे शहरों से आने वाले यात्री गंतव्य तक पहुंचने के लिए जद्दोजहद करते नजर आए। बस स्टैंड के बाहर खड़े जतिदर सिंह, रूबी, कमलेश, रानी, गुरजिदर पहले तो बस के इंतजार में काफी समय तक बैठे रहे। उन्हें बाद में पता चला कि प्रेजीडेंसी चौक व महाराजा जस्सा सिंह रामगढि़या चौक से निजी बसें चल रही है तो वो सामान उठाकर पैदल ही चौक की तरफ चल दिए।

निजी बसों की रही चांदी

सरकारी बसें न चलने से निजी बस चालक सवारियां ढोते नजर आए। वही सरकारी बस में महिलाओं को मुफ्त सफर की सुविधा भी नहीं मिली। इसके कारण उन्हें मजबूरन किराया खर्च करके निजी बसों में सफर करना पड़ा। इसके अलावा अन्य सवारियों को भी निजी बसों में ही सफर करना पड़ा जिससे आम दिन की तुलना में निजी बसों को ज्यादा मुनाफा हुआ।

सरकार को चार लाख का नुकसान

दो घंटे के चक्का जाम से पनबस की बसें खड़ी रहीं। इस वजह से सरकारी राजस्व को करीब चार लाख रुपये का नुकसान हुआ है। होशियारपुर डिपो में 150 मुलाजिम हैं। इन मुलाजिमों में सबसे ज्यादा ड्राइवर व कंडक्टर हैं।

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