बंद के विरोध में उतरी निजी स्कूल एसोसिएशन

फेडरेशन आफ प्राइवेट स्कूल एंड एसोसिएशन आफ पंजाब की इकाई होशियारपुर की तरफ से बुधवार को सभी स्कूल प्रवंधक टीचर बस चालक हेल्पर और अन्य वर्करों ने विशाल रोष मार्च करके मिनी सचिवालय के मुख्य गेट पर धरना दिया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 31 Mar 2021 05:28 PM (IST) Updated:Thu, 01 Apr 2021 06:14 AM (IST)
बंद के विरोध में उतरी निजी स्कूल एसोसिएशन
बंद के विरोध में उतरी निजी स्कूल एसोसिएशन

संवाद सहयोगी, होशियारपुर : फेडरेशन आफ प्राइवेट स्कूल एंड एसोसिएशन आफ पंजाब की इकाई होशियारपुर की तरफ से बुधवार को सभी स्कूल प्रवंधक, टीचर, बस चालक, हेल्पर और अन्य वर्करों ने विशाल रोष मार्च करके मिनी सचिवालय के मुख्य गेट पर धरना दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के नाम मांग पत्र डीसी अपनीत रियात को दिया। मार्च में विशेष रूप से शामिल हुए पूर्व राज्य शिक्षा मंत्री बलवीर सिंह मियानी ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि एक वर्ष से देश में ही नहीं, पूरी दुनिया को कोरोना वायरस ने चपेट में ले लिया था। इसके चलते सरकार ने पंजाब के सारे स्कूलों को बंद कर दिया था जिससे प्राइवेट स्कूलों के हजारों टीचरों के साथ हेल्पर, दर्जा चार कर्मचारियों के साथ अन्य स्टाफ घरों में बंद होकर रह गया। मगर, अब पंजाब सरकार ने अपने फायदे के लिए धीरे धीरे माल्स, सिनेमा हाल, मैरिज पैलेस, यहां तक कि प्राइवेट कार्यालय को भी खोलने की आज्ञा दे दी है। मगर, फिर भी प्राइवेट स्कूलों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। इसके कारण स्टाफ ही नहीं अन्य वर्करों को भी घर का खर्च चलाना बेहद मुश्किल हो गया है और लोग सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हो गए हैं।

रैलियों पर कोई पाबंदी नहीं

इस अवसर पर महासचिव सुखविदर सिंह ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि अभी पिछले महीने पंजाब में नगर निगम और नगर पंचायत चुनाव हुए हैं उस समय तो किसी को कोई कोरोना का डर नहीं सता रहा था। अब भी देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और यहां पर रैलियों में हजारों की संख्या में लोग जा रहे हैं। वहां पर तो किसी प्रकार की कोई पाबंदी नहीं है।

स्कूलों के भविष्य के बारे में जरूर सोचें सीएम

प्रदर्शन में शामिल हुई टीचर सुरजीत कौर ने कहा कि पंजाब सरकार को प्राइवेट स्कूलों के बारे आवश्यक सोचना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की तर्ज पर पंजाब में भी स्कूल खोले जाएं। इससे एक तो टीचरों को कामकाज मिलेगा और दूसरा स्कूल से संबंधित सारे स्टाफ को भी रोजगार मिल जाएगा। इस दौरान स्कूल स्टाफ का प्रयास रहेगा कि कोविड से बचाव के लिए हिदायतों का पालन यकीनी बनाया जाए।

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