फलों की मांग बढ़ते ही दामों में उछाल

कोरोना में चाहे जिला प्रशासन अलग-अलग दिनों का शेड्यूल तय करके दावे करता है कि कालाबाजारी सहन नहीं की जाएगी। लेकिन यह दावे केवल बोलने तक सीमित है। पिछले कुछ दिन में खाने पीने वाली वस्तुओं के दाम इसलिए बढ़े क्योंकि इसकी डिमांड बढ़ गई और चिकित्सक इसे तरजीह देते हुए इसका अधिक प्रयोग करने को कह रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 05:07 PM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 06:14 AM (IST)
फलों की मांग बढ़ते ही दामों में उछाल
फलों की मांग बढ़ते ही दामों में उछाल

जागरण संवाददाता, होशियारपुर : कोरोना में चाहे जिला प्रशासन अलग-अलग दिनों का शेड्यूल तय करके दावे करता है कि कालाबाजारी सहन नहीं की जाएगी। लेकिन, यह दावे केवल बोलने तक सीमित है। पिछले कुछ दिन में खाने पीने वाली वस्तुओं के दाम इसलिए बढ़े क्योंकि इसकी डिमांड बढ़ गई और चिकित्सक इसे तरजीह देते हुए इसका अधिक प्रयोग करने को कह रहे हैं। अब दाम इतने अधिक हो चुके हैं कि आम लोगों की पहुंच से बाहर है। यदि फलों की बात की जाए तो डिमांड बढ़ने के बाद पहले तो सप्लाई प्रभावित कर दी गई और बाद में उसे मनचाहे दामों पर बेचा जा रहा है। फल दोगुने से तीन गुने दाम पर बिक रहे हैं और लोग कोरोना से खुद को बचाने के लिए खरीदने को मजबूर हैं। यानी इस संकट की घड़ी में जहां एक तरफ लोग एक-दूसरे की मदद के लिए हाथ बढ़ा रहे हैं वहीं मुनाफाखोर अपनी तिजोरियां भरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। लोगों से सरेआम लूट हो रही है। इस बार रेट लिस्ट नहीं लागू

पिछली बार जब लाकडाउन लगा था तो जिला प्रशासन की तरफ से हर वस्तुओं के साथ-साथ सब्जियों व फलों की रेट लिस्ट जारी की गई थी। इसके लिए एक टीम बनाई गई थी जो हर रोज इंटरनेट मीडिया पर इन रेटों को डिप्टी कमिश्नर के आदेशों के बाद अपडेट करती थी ताकि लोगों का आर्थिक शोषण न हो, सब्जी बेचने वालों को भी नुकसान न हो। इस बार इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया और लोगों से जमकर लूट हो रही है। यानी जो फल कुछ समय पहले तक सस्ते मिलते थे उनके रेट एकदम बढ़ा दिए गए। उदाहरण के तौर पर हरा नारियल एक माह पहले तक तीस से चालीस रुपये में मिलता था वह अब 70 से 80 रुपये में बेचा जा रहा है और लोग मजबूरी में महंगे दाम में इसे खरीदने को मजबूर हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि अधिकारी लोगों से हो रही लूट पर तमाशबीन बने हैं। एक माह पहले और अब के रेट

फल एक माह पहले अब

-हरा नारियल 30 से 40 रुपये 70 रुपये

-कीवी फल 10 से 15 रुपये (पीस) 30 रुपये (पीस)

-मौसमी 50 रुपये किलो 120 रुपये

-केला 30 से 40 रुपये दर्जन 60 से 70 रुपये

-अंगूर 80 रुपये किलो 150 रुपये किलो

-आम 40 से 70 रुपये 100-120 रुपये किलो

-सेब 120 रुपये किलो 200 रुपये किलो इम्यूनिटी के लिए फल खाने की सलाह

इम्यूनिटी के लिए डाक्टर लोगों को मशवरा दे रहे हैं कि वह अधिक से अधिक फल खाएं ताकि शारीरिक तौर पर मजबूत बन सकें। डाक्टरों के हिसाब से कीवी, मौसमी, नागपुरी संतरा, नारियल पानी तो इस मौसम में या फिर यूं कहें कि कोरोना काल में रामबाण है। इसके चलते इनकी मांग बढ़ गई है जिसकी फायदा उठाते हुए फल विक्रेता इसे महंगे दाम पर बेच रहे हैं और लोग खरीदने को मजबूर हैं। यहां तक कि इस बार नागपुरी संतरा जोकि गर्मियों में किन्नू की जगह लेता है वह मंडी में दिखाई तक नहीं दे रहा।

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