तलवाड़ा में स्लाटर हाउस न होने के कारण लोग परेशान
शहर में स्लाटर हाउस न होने के कारण मांस विक्रेता खुले में पशु कचरा फेंक रहे हैं। इसके कारण इलाका वासियों के लिए सांस लेना दूभर हो गया है। ऐसी लापरवाही जानलेवा बीमारियों को निमंत्रण दे सकती है।
राकेश शर्मा, तलवाड़ा
शहर में स्लाटर हाउस न होने के कारण मांस विक्रेता खुले में पशु कचरा फेंक रहे हैं। इसके कारण इलाका वासियों के लिए सांस लेना दूभर हो गया है। ऐसी लापरवाही जानलेवा बीमारियों को निमंत्रण दे सकती है। हालात यह हैं कि जिन इलाकों में यह कचरा फेंका जा रहा है वहां से उठने वाली दुर्गंध आसपास के इलाके के लोगों का जीना मुहाल कर रही है। राहगीर और दुकानदार काफी परेशान हैं। नगर पंचायत की सीमा के भीतर बूचड़खाना नहीं होने के कारण सरकार और प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं।
शहर में पुल नंबर एक के नीचे खुले में पिछले लंबे से फेंके जा रहे पशुओं के कचरे से स्थानीय बस स्टैंड के पास रहने वाले लोगों का जीवन दयनीय हो गया है। नगर पंचायत के अंतर्गत करीब दो दर्जन मांस-मछली की दुकानें हैं, लेकिन स्लाटर हाउस एक भी नहीं है। मांस विक्रेता खुले में पशुओं का कचरा फेंक कर जन स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
जीना हो चुका है मुहाल : दुकानदार
मुख्य बस स्टैंड के सामने करतार बुक सेंटर के मालिक चौधरी करतार सिंह दोसड़का, राणा मिठाई की दुकान के मालिक मंजीत राणा, राकेश कुमार, गुरधियान सिंह, रजनीश कुमार उर्फ रिपी, सुरिदर सिंह, रामेश्वर दत्त शर्मा ने कहा कि बस स्टैंड के पास खड्ड में फेंके जा रहे जानवरों के कचरे की बदबू और सड़ते हुए मांस की बदबू ने जीना मुश्किल कर दिया है। उन्होंने नगर पंचायत और सरकार से समस्या का जल्द समाधान करने की मांग की है।
बैठक कर जल्द समस्या का होगा समाधान
नगर पंचायत तलवाड़ा के स्वच्छता निरीक्षक लाल चंद ने बताया कि शहर में मीट दुकानदारों के लिए कोई बूचड़खाना नहीं है। मांस विक्रेता अपने स्तर पर पशु अपशिष्ट का प्रबंधन करते हैं। अभी तक नगर पंचायत प्रशासन को ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। उन्होंने आश्वासन दिया कि मीट दुकानदारों को कचरे के उचित निस्तारण के निर्देश जारी करने के लिए जल्द ही बैठक की जाएगी।