शाम ढलते ही सड़क किनारे छलक रहे जाम, पुलिस का नहीं ध्यान
लैग और फिश के साथ चटकारे लेते हुए सड़कों के किनारे खड़े होकर गाड़ियों में जाम से जाम टकराने का दौर आम है मगर कानून की रखवाली पुलिस को इससे कोई नाता ही नहीं है।
जागरण संवाददाता, होशियारपुर : लैग और फिश के साथ चटकारे लेते हुए सड़कों के किनारे खड़े होकर गाड़ियों में जाम से जाम टकराने का दौर आम है, मगर कानून की रखवाली पुलिस को इससे कोई नाता ही नहीं है। बड़ी-बड़ी बातें करने वाली पुलिस को जरा भी एहसास नहीं है कि सड़क किनारे गाड़ियों में शराब का दौर चलने से जहां माहौल खराब होता है, वहीं सड़क किनारे खड़े वाहन हादसे को भी न्योता देते हैं। आलम यह है कि सरेआम कानून के नियमों की धज्जियां उड़ती हैं और पुलिसिया तंत्र तमाशा देखने में मशगूल है। पुलिस की सुस्ती का ही नतीजा है कि सड़क के किनारे सूरज ढलने के बाद छोटे-मोटे ढाबों और रेहड़ियों के सामने शराबियों का मजमा लगता है। अवैध तौर पर शराब बेचने वालों तक कानून के लंबे हाथ पहुंच जाते हैं, मगर हैरानी है कि नियमों को तार-तार करके गटकी जाती शराब पर पुलिस की नजर नहीं पड़ती है। वैसे तो धारा 144 हर जगह लागू होती है। बावजूद इसके ऐसा क्यों हो रहा है, यह तो पुलिस ही बता सकती है। सड़कों के किनारों पर शराबियों की महफिल जुटी रहती है। अधिकारियों के आशीर्वाद से टूटते हैं नियम, जनता परेशान
शहर की कोई सड़क बाकी होगी, जहां पर सूरज ढलने के बाद वाली छोटे-मोटे ढाबों के नाम पर गिलास से गिलास न टकराए जाते हों। ऐसा नहीं है कि पुलिस को रात के अंधेरे में होने वाली इनकी गतिविधियों के बारे में पता नहीं है, लेकिन खाकी जान बूझकर अंजान बनी हुई है। वह चुप्पी तोड़ने का नाम नहीं लेती है और शराबी जाम टकराने से बाज नहीं आते हैं। बिना लाइसेंस के शराब पिलाने का फलफूल रहा धंधा
अनेक स्थानों पर बिना लाइसेंस के शराब पिलाने का धंधा खूब फलफूल रहा है। पुलिस की कार्यप्रणाली कानों में तेल डालकर बैठने वाली हो गई है। उनकी गतिविधियों को देखकर यही आभास होता है कि जैसे अवैध तौर पर शराब पिलाने वाले अड्डों के मालिकों पर विभाग के अधिकारियों का आशीर्वाद प्राप्त है। शायद इसीलिए उनकी चुप्पी नहीं टूटती। यदि ऐसा नहीं है तो वह नियमों का उल्लंघन करने वालों पर शिकंजा क्यों नहीं कसा जाता है। होशियारपुर चितपूर्णी रोड, होशियारपुर-जालंधर रोड, होशियारपुर से चंडीगढ़ रोड पर अवैध शराब पिलाने का काम ज्यादा जोरों पर है।
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पुलिस से सेटिग से होता है सारा काम
जांच करने पर मालूम पड़ा है कि फूड कार्नरों पर शराब पिलाने की एवज में महीना लेते हैं। ऐसे अवैध शराब के अहाते काफी सरगर्म हैं। सड़क किनारे खुले ढाबों पर रात के समय में शराब पीने का ही दौर चलता है जबकि ढाबा मालिकों के पास शराब पिलाने का कोई लाइसेंस नहीं होता है। फिर भी गिलास से गिलास टकराए जाते हैं। इससे आने-जाने वाले लोगों को असुविधा तो होती है। साथ में सरकारी राजस्व को भी चूना लग रहा है। ----
नियमों का उल्लंघन करने वालों पर होगी कार्रवाई
एसपी (डी) रविदर सिंह संधू ने कहा कि वह संबंधित थानों को चेकिग करने के आदेश देंगे, जो नियमों का उल्लंघन करता पाया गया, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।