डाक्टरों की हड़ताल से इमरजेंसी वार्ड के बाहर इंतजार करते रहे मरीज
पीसीएमएस एसोसिएशन की स्टेट बाडी व संयुक्त एक्शन कमेटी ने एनपीए के खिलाफ सिविल सर्जन कार्यालय को तीसरे दिन भी बंद रखा।
संवाद सहयोगी, होशियारपुर : पीसीएमएस एसोसिएशन की स्टेट बाडी व संयुक्त एक्शन कमेटी ने एनपीए के खिलाफ सिविल सर्जन कार्यालय को तीसरे दिन भी बंद रखा। डाक्टरों ने सिविल सर्जन कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करके पंजाब सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए। बुधवार को जहां एक तरफ डाक्टर हड़ताल पर रहे वहीं दूसरी तरफ, मरीज इमरजेंसी वार्ड के बाहर इलाज के लिए इंतजार करते रहे। पीसीएमएस एसोसिएशन होशियारपुर के प्रधान डा. मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में डाक्टरों ने कहा कि सरकार सरासर धक्केशाही कर रही है जिसे किसी कीमत पर सहन नहीं किया जाएगा।
डा. मनमोहन सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से कोरोना काल के दौरान रात दिन मरीजों की सेवा करने वाले चिकित्सकों से बहुत बड़ा मजाक किया गया है। जहां केंद्र में कई दल डाक्टरों को भारत रत्न देने की बात कर रहे हैं वहीं पंजाब सरकार डाक्टर विरोधी नीति अपना रही है। कैप्टन सरकार तानाशाही पर उतर गई है और उसका विश्वास करना खतरे से खाली नहीं है। सरकार पहले तो काम लेने के लिए डाक्टरों को प्रोत्साहित कर रही थी मगर अब वेतन और अन्य फंडों पर एनपीए के रूप में कैंची चला रही है।
उन्होंने चेतावनी दी कि अब कोविड की सेवाएं ठप की जाएंगी जिसकी जिम्मेदारी कैप्टन सरकार की होगी। इस अवसर पर सहायक सिविल सर्जन पवन कुमार, डा. सीमा गर्ग, डा. राजकुमार, सुनील अहीर, हरजीत सिंह, परमजीत सिंह, जसविदर सिंह एसएमओ, संदीप डिमाना, हरबंस कौर, डा. स्वाति, जसवंत सिंह, बलदेव सिंह, दविदर पाल सिंह, गुरबख्श सिंह और डा. गूंजन मौजूद रहे।
कुछ मरीज लौटे तो कई इलाज की उम्मीद में डाक्टरों को देखते रहे
एक तरफ डाक्टर मांगों को लेकर नारेबाजी करते रहे तो दूसरी तरफ, इमरजेंसी विभाग के बाहर मरीज इलाज के लिए तड़पते रहे। कुछ तो लंबा इंतजार करने के बाद लौट गए। इस दौरान इमरजेंसी वार्ड के बाहर बैठी 78 वर्षीय सत्यादेवी वासी गांव माखा (दसूहा) के बेटे ने बताया कि माता के चुल्हे में समस्या है जिसके चलते उनका इलाज दसूहा में चल रहा था। वहां पर डाक्टरों के हड़ताल पर चले जाने पर उन्होंने मां को होशियारपुर रेफर कर दिया। मां को ले जाने के लिए सरकारी अस्पताल से एंबुलेंस भी नहीं मिली, प्राइवेट एंबुलेंस में अस्पताल पहुंचे। यहां पर सुबह को आकर पता चला कि इमरजेंसी के डाक्टर भी हड़ताल पर बैठे हुए हैं।