17 ओओएटी क्लीनिकों में 6978 मरीजों में से 2528 करवा चुके हैं इलाज

जिले को नशामुक्त करने के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही ओओएटी क्लीनिक नशामुक्ति व पुर्नवास केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 08:43 PM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 08:28 AM (IST)
17 ओओएटी क्लीनिकों में 6978 मरीजों में से 2528 करवा चुके हैं इलाज
17 ओओएटी क्लीनिकों में 6978 मरीजों में से 2528 करवा चुके हैं इलाज

जागरण टीम, होशियारपुर : जिले को नशामुक्त करने के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही ओओएटी क्लीनिक, नशामुक्ति व पुर्नवास केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। डीसी अपनीत रियात ने बताया कि सरकार पहले से ही जिले में दो सरकारी नशा छुड़ाओ केंद्र सिविल अस्पताल होशियारपुर व सिविल अस्पताल दसूहा में चला रही है। इसके अलावा छह प्राइवेट नशा छुड़ाओ केंद्र भी चलाए जा रहे हैं। वहीं एक नशामुक्ति पुर्नवास केंद्र मोहल्ला फतेहगढ़ में है। इन केंद्रों में हर तरह के नशे के मरीजों को 1-3 महीने तक दाखिल कर दवाइयां, काउंसलिग व अन्य गतिविधियों से निश्शुल्क इलाज किया जाता है। जिले को नशा मुक्त बनाने के लिए प्रशासन की ओर से कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है।

मई 2018 से सरकार की ओर से जिले में ओओएटी क्लीनिक शुरू किए गए। इसमें पोस्त से बनने वाले या उस जैसे असर वाले नशे जैसे हेरोइन (चिट्टा), अफीम, भुक्की आदि से ग्रस्त मरीजों का इलाज किया जाता है। जिले में 17 ओओएटी क्लीनिक व 3 ओएसटी क्लीनिक हैं। इनमें रोजाना 3500 के करीब मरीज आते हैं। ओओएटी क्लीनिकों में अभी तक 6978 रजिस्ट्रेशन हो चुकी है जिनमें से 2528 मरीज इलाज करवा चुके हैं। इसके अलावा 994 के करीब मरीज घरों के लिए दवाइयां लेकर जाते हैं व 715 मरीज सबसे कम डोज पर हैं, जिनका इलाज लगभग पूरा हो गया है।

148 सेमिनार करवाए जा चुके

नशामुक्ति पुर्नवास केंद्र मोहल्ला फतेहगढ़ में 840 मरीजों का इलाज किया जा चुका हैं और बहुत से मरीजों को ठीक करने के बाद उनके पुर्नवास के लिए कार्य किया गया है। नशा छुड़ाओ केंद्रों व पुर्नवास केंद्र में मरीजों के लिए 148 सेमिनार करवाए जा चुके हैं जिनमें 9363 ने हिस्सा लिया है। मरीजों का इलाज डाक्टर व काउंसलर की सीधी देखरेख में किया जा रहा है और इनकी निगरानी में ही दवाई भी दी जाती है। मरीज को डाक्टर व काउंसलर की मदद व उसके वारिसों के सहयोग से एक साल मे नशा मुक्त करने का प्रयास किया जा रहा है और जिले में इसके सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं।

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