गांवों में लोगों को जागरूक कर रहा ओबीसी जागृति मंच: पलाहा

पंजाब का मुख्यमंत्री ओबीसी समाज से क्यों नहीं हो सकता। यह सवाल ओबीसी जागृति मंच पंजाब के संयोजक प्रदीप सिंह पलाहा ने मुकेरियां में आयोजित ओबीसी भाईचारे की बैठक में किया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 05:20 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 05:20 PM (IST)
गांवों में लोगों को जागरूक कर रहा ओबीसी जागृति मंच: पलाहा
गांवों में लोगों को जागरूक कर रहा ओबीसी जागृति मंच: पलाहा

संवाद सहयोगी, मुकेरियां : पंजाब का मुख्यमंत्री ओबीसी समाज से क्यों नहीं हो सकता। यह सवाल ओबीसी जागृति मंच पंजाब के संयोजक प्रदीप सिंह पलाहा ने मुकेरियां में आयोजित ओबीसी भाईचारे की बैठक में किया। पलाहा ने कहा, यह एक विडंबना ही है कि पंजाब में सबसे ज्यादा आबादी वाला ओबीसी समाज 75 साल से राजनीतिक अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है और सभी राजनीतिक दलों ने सिवाए आश्वाशन के समाज को कुछ नहीं दिया। न तो अभी तक ओबीसी समाज को राज्य में एजुकेशन और नौकरियों पर 27 प्रतिशत आरक्षण मिला, न ही जनसंख्या के अनुपात में राजनीतिक भागीदारी में जगह मिली। पंजाब के सभी चुनाव में ओबीसी समाज और अनुसूचित समाज ही राजनीतिक पार्टियों की जीत-हार का फैसला करता है। डा. भीम राव आंबेडकर ने संविधान में अनुसूचित समाज और ओबीसी समाज के उत्थान के लिए विशेषाधिकारों की घोषणा की थी और तत्कालीन केंद्र सरकारों की उदासीनता के कारण ओबीसी समाज आज तक उन अधिकारों को पाने के लिए संघर्षरत है। पलाहा ने बताया, केवल एक राजनीतिक दल ने एकाध बार घोषणा की थी कि ओबीसी समाज से भी पार्टी का मुख्यमंत्री हो सकता है। इसके अलावा किसी भी राजनीतिक पार्टी ने समाज की समस्याओं पर कभी चर्चा करने की जहमत नहीं उठाई इसलिए ओबीसी जागृति मंच के सदस्य गांव-गांव जाकर लोगों को राजनीतिक व सामाजिक रूप से जागृत करने का अभियान चला रहे हैं ताकि वे जागृत होकर चुनाव में सही निर्णय लें। इस अवसर पर सह संयोजक संजीव भारद्वाज, लखविदर सिंह लक्की, विपन वर्मा, ऋषभ कुमार, दीपक मेहरा उपस्थित थे।

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