लावारिस पशुओं से कोई भी सुरक्षित नहीं

लावारिस पशुओं पर शिकंजा कसने के लिए नगर निगम बड़ी-बड़ी डींगे मारता है लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि दावों में दम नहीं है और लावारिस पशुओं के आतंक से जनता असुरक्षित है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 06:04 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 05:52 AM (IST)
लावारिस पशुओं से कोई भी सुरक्षित नहीं
लावारिस पशुओं से कोई भी सुरक्षित नहीं

वरिदर बेदी, होशियारपुर

लावारिस पशुओं पर शिकंजा कसने के लिए नगर निगम बड़ी-बड़ी डींगे मारता है, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि दावों में दम नहीं है और लावारिस पशुओं के आतंक से जनता असुरक्षित है। हर गली, चौक, बाजारों और हाईवे पर लावारिस पशुओं का जमावड़ा रहता है व इससे लोग हादसे का शिकार होते रहते हैं। हालांकि पिछले दिनों डीसी अपनीत रियात ने लावारिस पशुओं पर शिकंजा कसने के लिए आदेश दिए थे, मगर हुआ कुछ नहीं। आलम यह है कि सड़कों पर यमदूत बनकर दनदना रहे लावारिस पशु लोगों की परेशानी बढ़ाते नजर आ रहे हैं। बुधवार को बस स्टैंड रोड पर करीब बीस से पच्चीस बेसहारा पशुधन का झुंड इधर से उधर दनदनाता रहा जिससे राहगीर व वाहन चालक परेशान नजर आए। कभी यह बीच सड़क में डेरा लगा लेते व कभी आपस में सींग फंसा कर भिड़ने लगते। गनीमत यह रही कि कोई इनकी चपेट में नहीं आया। शहर का कोई इलाका बेसहारा पशुधन से अछूता नहीं है। दो कैटल पौंड भी न कर पाए समस्या का हल

बेशक बेसहारा पशुधन को रखने के लिए प्रशासन द्वारा दो कैटल पौंड बनाए गए हैं। मगर, फिर भी शहरवासियों को इनसे निजात मिलती नजर नहीं आ रही। शहर की कई सड़कों व गलियों में बेसहारा पशु आम देखे जा सकते हैं। हालांकि नई सोच संस्था ने काफी बेसहारा पशुओं को कैटल पौंड फलाही में छोड़ा है, लेकिन अभी भी सड़कों व गलियों में घूमते बेलगाम सांड लोगों के लिए परेशानी बने हुए हैं। इनकी वजह से कई हादसे भी हो चुके हैं जिनमें कई लोगों को कीमती जान गंवानी पड़ी तो कई बुरी तरह से घायल हुए। संस्थाओं के सहयोग से चल रहा निगम का काम

इस बारे में नगर निगम के सैनेटरी इंस्पेक्टर से पूछा गया कि बेसहारा पशुधन को पकड़ने की मुहिम कुछ दिन बाद ही बंद क्यों हो गई तो उनका जवाब था कि नई सोच संस्था की कैचर गाड़ी खराब हो गई थी। पूछने पर कि क्या निगम के पास इन्हें पकड़ने का कोई साधन नहीं है, तो जवाब था कि नहीं। अब देखने वाली बात है कि जब तक कोई एनजीओ निगम को सहयोग नहीं करती तब तक शहरवासियों को बेसहारा पशुओं के आतंक को झेलने पर मजबूर होना ही पड़ेगा। दूसरी ओर, नगर निगम जनता से टैक्स तो वसूल रहा है। मगर, सुविधाए देने में नाकाम साबित हो रहा है। कैटल पौंड में 400 पशुओं की व्यवस्था

फलाही कैटल पौड के नोडल अधिकारी डा. मनमोहन सिंह दर्दी के अनुसार फिलहाल फलाही कैटल पौंड में 400 पशुधन को रखने की व्यवस्था है। शेड व बाड़े बनाने के लिए पंचायती राज विभाग को लिखित में दिया गया है। इसके अलावा निजी कंपनी से भी बात हुई है जो शेड व बाड़े बनाने में सहयोग करेगी। एस्टीमेट बनाया जा रहा है। कैटल पौंड में शेड बनने के बाद और भी पशुओं को रखने की व्यवस्था हो जाएगी। अभी वह कैटल पौड में इससे ज्यादा पशु नहीं रख सकते।

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