माताएं करें अहोई का पूजन ताकि सुखी रहे संतान : महंत रमेश दास

संवाद सहयोगी दातारपुर अहोई -अष्टमी का पर्व प्रकाश पर्व दीपावली के आगमन की सूचना देता है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 27 Oct 2021 03:14 PM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 03:14 PM (IST)
माताएं करें अहोई का पूजन ताकि सुखी रहे संतान : महंत रमेश दास
माताएं करें अहोई का पूजन ताकि सुखी रहे संतान : महंत रमेश दास

संवाद सहयोगी, दातारपुर : अहोई -अष्टमी का पर्व प्रकाश पर्व दीपावली के आगमन की सूचना देता है। यह पर्व विशेष तौर पर माताओं द्वारा अपनी संतान की लंबी आयु व अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए किया जाता है। बाबा लाल दयाल आश्रम दातारपुर में उपस्थित श्रद्धालुओं को महामंडलेश्वर महंत रमेश दास ने बताया कि अहोई अष्टमी का व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन किया जाता है। महंत जी ने कहा पुत्रवती महिलाओं के लिए यह व्रत अत्यंत महत्वपूर्ण है। जिनकी संतान को शारीरिक कष्ट हो, स्वास्थ्य ठीक न रहता हो या बार-बार बीमार पड़ता हो, इस पर्व पर संतान की माता द्वारा समुचित व्रत व पूजा आदि का विशेष लाभ प्राप्त होता है। इससे संतान स्वस्थ होकर दीर्घायु को प्राप्त करता है। जिन दंपतियों के पुत्र नहीं, बल्कि पुत्री संतान है, वे भी अहोई माता की पूजा कर सकती हैं। संतान की कामना वाली महिलाएं भी यह व्रत रखकर अहोई माता से संतान प्राप्ति की प्रार्थना कर सकती हैं। आज के बदलते दौर में जब पुत्री भी माता-पिता के लिए बराबर की मान्यता साकार करती हैं, तो पुत्रियों के सुख-सौभाग्य के लिए भी अहोई माता कृपालु होती हैं। यह भी नियम है कि एक साल व्रत करने के बाद आजीवन यह व्रत टूटना नहीं चाहिए। अनहोनी को होनी बनाने वाली माता देवी पार्वती हैं, इसलिए माता पार्वती की पूजा करें। अहोई माता की पूजा के लिए गेरू से दीवार पर अहोई माता का चित्र बनाएं और साथ ही सेह और उसके सात पुत्रों का चित्र बनाएं। संध्या काल में इन चित्रों की पूजा करें। इस अवसर पर सुदर्शन कुमार, अशोक गुलाटी, शामलाल, शारदा, सुशील कुमार बिल्लू, चंद्र शेखर शर्मा, तरसेम लाल, प्रेम चंद, सुरिदर, कुलदीप शर्मा, किशोरी लाल, देस राज, राज कुमार उपस्थित थे।

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