मिनी लाकडाउन हो चुका फेल, शटर के पीछे चल रहा दुकानदारी का खेल

कोरोना की रोकथाम के लिए जब सारे पासे फेल हो गए तो प्रशासन ने मिनी लाकडाउन लगाने का फैसला किया ताकि लोगों की आवाजाही कम हो सके। लेकिन हालात हैं कि सुधर नहीं रहे क्योंकि मिनी लाकडाउन के बावजूद लोग सावधानी बरतने को तैयार नहीं है बेफिक्र मार्केट में घूम रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 04:52 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 06:13 AM (IST)
मिनी लाकडाउन हो चुका फेल, शटर के पीछे चल रहा दुकानदारी का खेल
मिनी लाकडाउन हो चुका फेल, शटर के पीछे चल रहा दुकानदारी का खेल

जागरण संवाददाता, होशियारपुर : कोरोना की रोकथाम के लिए जब सारे पासे फेल हो गए तो प्रशासन ने मिनी लाकडाउन लगाने का फैसला किया ताकि लोगों की आवाजाही कम हो सके। लेकिन हालात हैं कि सुधर नहीं रहे क्योंकि मिनी लाकडाउन के बावजूद लोग सावधानी बरतने को तैयार नहीं है, बेफिक्र मार्केट में घूम रहे हैं। इसकी ताजा मिसाल इन दिनों शहर के हर बाजार में देखने को मिल रही है। शीशमहल बाजार, गौरांगेट, घंटाघर मार्केट, रेलवे रोड, जालंधर रोड व बस्सी ख्वाजू मार्केट में दुकानदारों ने दुकानदारी चमकाने के लिए चोर रास्ते बनाए हैं और ग्राहक चुपचाप चोर रास्ते से दुकान में दाखिल होते हैं और शापिग का काम निपटाकर उसी रास्ते से बाहर निकल जाते हैं। पुलिस चौराहों में व्यवस्था कायम करने के लिए तैनात हैं और अपनी पीठ थपथपा रही है। बाजारों में कहने को तो लाकडाउन है, लेकिन दुकानदारी हर दुकान पर हो रही है। कुछ ने चोर दरवाजे रखे हैं और कुछ ने शटर उठाने की ड्यूटी बांटी है। जैसे ही दुकान पर ग्राहक आता है तो वह हलका सा शटर खटखटाता है और अंदर से मोबाइल पर सिग्नल मिलने पर दुकान से कुछ दूरी पर खड़ा कर्मी तेजी से शटर उठाता है और ग्राहक को अंदर भेजता है और शटर फिर गिर जाता है। यानी सब कुछ इतनी मुस्तैदी से हो रहा है कि प्रशासन की सारी चेकिग प्रणाली ही फेल हो गई है। कहने को बाजारों में पुलिस मुलाजिम चक्कर लगा रहे हैं पर जैसे ही पुलिस की भनक लगती है तो फोन पर मैसेज पास हो जाता है और कुछ समय के लिए सारा माजरा थम जाता है। पुलिस के जाते ही दुकानदार फिर अपने धंधे में जुट जाते हैं। ऐसा सिलसिला मिनी लाकडाउन में चल रहा है।

दुकानदार बोले, चालान काटेगी पुलिस और क्या कर सकती

इस संबंध में जब दैनिक जागरण की टीम ने कुछ दुकानदारों से पूछा कि लाकडाउन के बारे में पता है या नहीं, तो उनका जवाब था, पता है पर दूसरे दुकानदार भी तो सामान बेच रहे हैं, हम क्यों न बेचें। वहीं पुलिस के बारे में पूछने पर जवाब ही कुछ उल्टा मिला, बोले-कम से कम चालान ही काटेंगे वह भुगत लेंगे। यानी चाहे प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग दिन रात कोरोना की जंग में डटा हुआ है, लेकिन जब तक लोगों का साथ नहीं मिलेगा तब तक सारे पैंतरे फेल हैं।

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