किसानों को सीधी बिजाई की तकनीक से करवाया अवगत
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की ओर से धान की सीधी बिजाई की सिफारिश की गई है जिसे बड़े स्तर पर पिछले वर्ष किसानों की ओर से अपनाया गया था। उक्त जानकारी कृषि विज्ञान केंद्र के डिप्टी डायरेक्टर (प्रशिक्षण) डा. मनविदर सिंह बौंस ने दी।
जागरण टीम, होशियारपुर : पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की ओर से धान की सीधी बिजाई की सिफारिश की गई है, जिसे बड़े स्तर पर पिछले वर्ष किसानों की ओर से अपनाया गया था। उक्त जानकारी कृषि विज्ञान केंद्र के डिप्टी डायरेक्टर (प्रशिक्षण) डा. मनविदर सिंह बौंस ने दी। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी की ओर से नई तकनीकों से किसानों को अवगत करवाने के लिए मंगलवार को कृषि विज्ञान केंद्र बाहोवाल की ओर से धान की सीधी बिजाई संबंधी वेबिनार आयोजित किया गया। डिप्टी डायरेक्टर ने वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि गिरते भू जल स्तर के मद्देनजर पानी को संभालना समय की मुख्य जरूरत है। उन्होंने बताया कि सीधी बिजाई की तकनीक को इस बार बड़े स्तर पर किसानों तक पहुंचाने के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय व कृषि व किसान भलाई विभाग पंजाब की ओर से मिलकर प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि धान की सीधी बिजाई तकनीक से पानी व लेबर की भी बचत होती है। वेबिनार को संबोधित करते हुए प्रमुख फसल वैज्ञानिक डा. सिमरजीत कौर ने धान की सीधी बिजाई में नदीनों की रोकथाम के अलावा बिजाई का समय, लेसर कराहे से जमीन की तैयारी, बीज की मात्रा व बीज का शोध, भारी व मध्यम जमीनों में सीधी बिजाई को पहल, कम समय में पकने वाली किस्मों का प्रयोग व चूहों की रोकथाम संबंधी जानकारी दी। कृषि विज्ञान केंद्र होशियारपुर से इंजीनियर अजैब सिंह ने सीधी बिजाई के लिए प्रयोग में आने वाली मशीनों के बारे व आरजी स्प्रे सिस्टम संबंधी बताया। प्रगतिशील किसान गुरविदर सिंह खंगुड़ा ने धान की सीधी बिजाई संबंधी तुजुर्बे साझा किए।