कृषि विज्ञान केंद्र ने फिरोज रौलियां में किसानों को किया जागरूक

कृषि विज्ञान केंद्र होशियारपुर की ओर से धान की पराली के सुचारू प्रबंधन के लिए जागरूक किया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 04:08 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 04:08 PM (IST)
कृषि विज्ञान केंद्र ने फिरोज रौलियां में किसानों को किया जागरूक
कृषि विज्ञान केंद्र ने फिरोज रौलियां में किसानों को किया जागरूक

जागरण टीम, होशियारपुर : कृषि विज्ञान केंद्र होशियारपुर की ओर से धान की पराली के सुचारु प्रबंध संबंधी अलग-अलग प्रसार गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में कृषि व किसान कल्याण विभाग टांडा के सहयोग से गांव फिरोज रौलियां में पराली प्रबंधन संबंधी गांव स्तरीय जागरुकता कैंप का आयोजन किया। कृषि विज्ञान केंद्र के डिप्टी डायरेक्टर( ट्रेनिग) डा. मनिदर सिंह ने धान की पराली को आग लगाने से होने वाले नुकसान संबंधी बताया व पराली में मौजूद अलग-अलग तत्वों की महत्ता के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किसान धान की पराली को न जलाएं व उपलब्ध मशीनरी व तकनीक के माध्यम से इसका योग्य प्रबंध कर वातावरण को प्रदूषित होने से बचाएं। पराली प्रबंधन के लिए उपलब्ध मशीनरी सुपर एसएमएस, सुपर सीडर, मल्चर, जीरो ड्रिल, कटर का प्रयोग संबंधी तकनीकी बिदृ सांझे किए। उन्होंने धान की पराली का मशरुम उत्पादन, ऊर्जा, मल्चर व गोबर गैस प्लांट में प्रयोग के बारे में जानकारी सांझी की व रबी की मुख्य फसलों की काश्त के बारे में प्रकाश डाला। ब्लाक में पराली प्रबंधन संबंधी मशीनरी बैंकों का गठन किया गया है व किसान पराली प्रबंधन संबंधी मशीनरी का प्रयोग सांझे तौर पर करें ताकि इसका पूरा फायदा लिया जा सकें। विभाग की ओर से किसानों को पराली प्रबंधन मशीनरी सब्सिडी पर उपलब्ध भी करवाई जा रही है। कृषि विकास अधिकारी टांडा डा. हरप्रीत सिंह ने विभागीय गतिविधियों के बारे में विस्तार से तकनीकी जानकारी सांझी की व खेती सिफारिशों को अपनाने पर जोर दिया। कैंप में गांव फिरोज रौलियां से जसबीर सिंह, रविदर सिंह, परमवीर सिंह जज, जोगिदर सिंह, बलबीर सिंह, तरसेम सिंह, गुरसेवक सिंह, अमरीक सिंह सरपंच, बलविदर सिंह, जतिदर सिंह, नरिदर सिंह, गांव शहबाजपुर से दीदार संह, गांव इब्राहिमपुर से नंबरादर सुरजीत सिंह, गांव राणी पिड से गुरमंतर सिंह नंबरदार, हरनेक सिंह, गांव मुन्नण से रुड़ सिंह ने शामिल होकर अपनी आशंकाओं के बारे में विचारविमर्श किया। इस मौके पर किसानों की सुविधा के लिए गोभी सरसों, तारामीरा, प्याज के बीज, दालें व तेलबीज किटें, सब्जियों की किटें, मटर व आलू के लिए जीवाणु खाद का टीका, पशुओं के लिए धातु का चूरा, पशु चाट ईंट, पशुओं के लिए बाई पास फैट व कृषि साहित्य भी उपलब्ध करवाया गया।

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