श्री गुरु रविदास जी की शिक्षाओं को जीवन का हिस्सा बनाना जरूरी : सरबजोत साबी

विधान सभा हलका मुकेरियां के गांव धर्मपुर में बाबा साहिब डा. भीम राव आंबेडकर सोशल वेलफेयर सोसायटी की तरफ से 12वां वार्षिक संत सम्मेलन करवाया गया।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 05:48 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 05:48 PM (IST)
श्री गुरु रविदास जी की शिक्षाओं को जीवन का हिस्सा बनाना जरूरी : सरबजोत साबी
श्री गुरु रविदास जी की शिक्षाओं को जीवन का हिस्सा बनाना जरूरी : सरबजोत साबी

संवाद सहयोगी, मुकेरियां :

विधान सभा हलका मुकेरियां के गांव धर्मपुर में बाबा साहिब डा. भीम राव आंबेडकर सोशल वेलफेयर सोसायटी की तरफ से 12वां वार्षिक संत सम्मेलन करवाया गया। इस कार्यक्रम में काफी संख्या में संगत ने भाग लिया। समागम दौरान विशेष तौर पर पहुंचे अकाली दल के हलका इंचार्ज सरबजोत सिंह साबी संगतों के रूबरू हुए। इस मौके पहुंचे हुए अलग -अलग कीर्तनी जत्थों की तरफ से गुरू की महिमा का गुणगान करते हुए उपस्थित संगत को गुरबानी के साथ जोड़ा गया।

इस दौरान सरबजोत सिंह साबी ने कहा कि बाबा साहिब डा. भीम राव आंबेडकर सोशल वेलफेयर सोसायटी का यह प्रयास प्रशंसनीय है। क्योंकि सोसायटी के इस उपराले के साथ गुरबाणी का पसार होता है जो कि श्रृष्टि के विकास में मददगार है। श्री गुरु रविदास जी महाराज जी ने अपना जीवन समाज सुधार में लगाया और उस समय समाज में प्रचलित बुराइयों के खिलाफ आवाज बुलंद करके समाज के हर वर्ग को बराबरता का पाठ पढ़ाया और आज हमें उनकी शिक्षाओं पर अमल करते हुए अपने जीवन में आगे बढ़ने की जरूरत है। क्योंकि तब ही हमारा समाज सही अर्थों में विकास कर सकता है। साबी ने कहा कि हमारे गुरुओं की तरफ से रचित गुरबाणी हमें जीवन की जांच सिखाती है। इस लिए हमें सबको चाहिए कि जितना हो सके जरुरतमंद लोगों की मदद करें और हमेशा हक -सच्च के रास्ते पर चलें। जब अकाली दल के हाथ सूबे के लोगों ने सत्ता सौंपी तब-तब सब वर्गों का बराबर विकास किया गया और उन लोगों को खास रियायतें दीं गई थीं, जो कि आर्थिक तौर पर बहुत कमजोर थे, लेकिन सूबे की मौजूदा कांग्रेस सरकार ने अपने शासन दौरान एक-एक करके उन सुविधाओं को बंद किया। समागम दौरान सोसायटी के सदस्यों की तरफ से सरबजोत सिंह साबी का सम्मान भी किया गया। इस मौके बसपा के जोन इंचार्ज गोबिद सिंह काननूगो, अश्वनी कुमार प्रधान भीम राव अंबेडकर वेलफेयर सोसायटी के अलावा बड़ी संख्या में गांव वासी मौजूद थे।

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