सरकारी स्कूलों में चहल-पहल, प्राइवेट मांग रहे अभिभावकों से सलाह-खोलें या नहीं
कोरोना की स्थिति में सुधार आने पर सोमवार को सभी कक्षाओं के लिए स्कूल खुले। चाहे सरकारी स्कूल में पहले दिन छात्रों की गिनती सही रही लेकिन फिर भी जिले के प्राइवेट स्कूलों में रुझान इतना नहीं है।
जागरण टीम, होशियारपुर : कोरोना की स्थिति में सुधार आने पर सोमवार को सभी कक्षाओं के लिए स्कूल खुले। चाहे सरकारी स्कूल में पहले दिन छात्रों की गिनती सही रही लेकिन फिर भी जिले के प्राइवेट स्कूलों में रुझान इतना नहीं है। कुछ स्कूल प्रबंधक तो अभी बच्चों की आफलाइन पढ़ाई के लिए मन नहीं बना पा रहे क्योंकि वह कोरोना के मामले में कोई रिस्क नहीं लेना चाहते। कई स्कूल प्रबंधकों ने इस मामले में बच्चों के अभिभावकों से सलाह मांगी है कि क्या वह बच्चे भेजने को तैयार हैं या नहीं। इस पर अधिकतर अभिभावकों ने बच्चों को अभी भेजने में असमर्थता जताई है, खास तौर पर छोटे बच्चों के माता-पिता ने। तीसरी लहर को लेकर अभी लोगों का मन उलझन में है और वहीं काफी लोगों का कहना है कि जब तक वैक्सीनेशन नहीं होती तब तक बच्चों को स्कूल में भेजना रिस्की है।
गाइडलाइंस का रखा पूरा ध्यान
पहले दिन शहर के प्राइवेट स्कूल बंद ही रहे। वहीं जिले के सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति 65 फीसद रही, जो आने वाले दिन में और बढ़ सकती है। जिला शिक्षा अधिकारी (सेकेंडरी) गुरशरण सिंह व जिला शिक्षा अधिकारी (एलीमेंट्री) इंजीनियर संजीव गौतम ने बताया, सरकारी प्राइमरी, मिडिल व सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के मुखिया की ओर से साफ सफाई एवं सुरक्षा संबंधी दायित्वों का पालन करने के लिए संपूर्ण प्रबंध मुकम्मल किए गए थे। स्कूलों में कक्षाओं की साफ सफाई करवाने के साथ-साथ विद्यार्थियों की पढ़ाई के मद्देनजर प्रोजेक्टर, एलईडी की व्यवस्था की गई है ताकि किसी प्रकार की कोई दिक्कत सामने न आए।