किसानों को दी पराली प्रबंधन की जानकारी

किसानों द्वारा पराली को आग लगाने से रोकने के लिए भारत खोज परिषद ने कार्यक्रम करवाया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 04:29 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 04:29 PM (IST)
किसानों को दी पराली प्रबंधन की जानकारी
किसानों को दी पराली प्रबंधन की जानकारी

संवाद सहयोगी, माहिलपुर :

किसानों द्वारा पराली को आग लगाने से रोकने के लिए भारत खोज परिषद नई दिल्ली व खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी लुधियाना की ओर से चलाए गए अभियान के तहत सेमिनार व सिखलाई कोर्स कराए जा रहे हैं। इसी के तहत कृषि विज्ञान केंद्र बाहोवाल की ओर से सकरूली गांव में पराली प्रबंधन के लिए शिविर का आयोजित किया गया। उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए डा. मनिदर सिंह बोंस डिप्टी डायरेक्टर कृषि विज्ञान केंद्र बाहोवाल ने बताया की आज के समय की मुख्य जरूरत है कि पराली का प्रबंध किया जाए। उन्होंने किसानों को पराली को आग लगाने से पर्यावरण को होने वाले नुकशन की जानकारी देते हुए कहा कि इससे खेतों की उर्वरक क्षमता को भी नुकसान पहुंचता है। उन्होंने पराली प्रबंधन के लिए सहयोगी मशीनरी, सुपर एसएमएस, हैपी सीडर, सुपर सीडर, जीरो ड्रिल, मलचर, उलतावा हल से पराली प्रबंधन के लिए जानकारी दी। उन्होंने कहा कि धान की कटाई के लिए सुपर एसएमएस कंबाइन का इस्तेमाल किया जाए। किसानों को संबोधित करते हुए कंवरपाल सिंह ढिल्लों सहायक प्रोफेसर पशु विज्ञान ने पराली को चारे के रूप में इस्तेमाल करने व उसमें मौजूद तत्वों के संबंध में बताया। इस शिविर में उपस्थित किसानों सरपंच तरलोचन सिंह, जीवन कुमार, गुरमीत सिंह, करनैल सिंह फौजी, नंबरदार जसविदर सिंह, नंबरदार करनैल सिंह, अमनदीप सिंह, सुखदेव सिंह व सतपाल सिंह ने विज्ञान केंद्र की टीम को आश्वस्त किया कि वह अन्य किसानों से पराली न जलाने के लिए जागरूक करेंगे। आयोजन में किसानों को प्याज, राई घास, तारामीरा, दालें, तेलहन, सब्जियों की किट, पशुओं के लिए धातु मिश्रण, पशु चैट, बाईपास फैट, मटर व आलु के लिए जैविक खाद के टीके व कृषि साहित्य भी उपलब्ध कराया गया।

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