मांगें पूरी होने तक मानगढ़ टोल प्लाजा से धरने को उठाना नामुमकिन: सुखपाल

संसद के दोनों सदनों में कृषि सुधार कानूनों को केंद्र सरकार ने वापस लेने का प्रस्ताव पास होने से यहां किसानों में खुशी का माहौल पाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 04:33 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 04:33 PM (IST)
मांगें पूरी होने तक मानगढ़ टोल प्लाजा से धरने को उठाना नामुमकिन: सुखपाल
मांगें पूरी होने तक मानगढ़ टोल प्लाजा से धरने को उठाना नामुमकिन: सुखपाल

संवाद सहयोगी, गढ़दीवाला :

संसद के दोनों सदनों में कृषि सुधार कानूनों को केंद्र सरकार ने वापस लेने का प्रस्ताव पास होने से यहां किसानों में खुशी का माहौल पाया जा रहा है। वही मंगलवार को कस्बे के नजदीक मानगढ़ टोल प्लाजा पर गन्ना संघर्ष कमेटी के प्रधान सुखपाल सिंह सहोता की अगुवाई में किसान 418वें दिन भी धरने पर डटे रहे। हालांकि गन्ना संघर्ष कमेटी के प्रधान सुखपाल सिंह सहोता अपने काफिले समेत अगली रणनीति के लिए सिघू बार्डर पर 32 किसान संगठनों की मंगलवार को होने वाली मीटिग में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचे हुए हैं। दोनों सदनों में तीनों कृषि सुधार कानूनों को केंद्र सरकार ने वापस लिए जाने के बाद मानगढ़ टोल प्लाजा पर चल रहे धरने को समाप्त करने संबंधी जब दिल्ली सिघू बार्डर पर 32 किसान संगठनों की चल रही मीटिग में बैठे सुखपाल सिंह सहोता से टेलीफोन पर पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि जब तक सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के अलावा आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को मुआवजा और इस आंदोलन के दौरान हजारों किसानों पर दर्ज किए गए मामले को रद करने, बिजली संशोधन विधेयक को वापस करवाने के इलावा अन्य मांगो पर कोई बात नहीं करती तब तक मानगढ़ टोल प्लाजा से धरने को उठाना नामुमकिन है।

उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा इन मांगों को मनवाने के लिए जो भी भविष्य में रणनीति तय करेगा उसके मुताबिक ही यह आंदोलन अपनी अगली रूपरेखा को अख्तियार करेगा। इस आंदोलन में किसानों की एकजुटता की जीत हुई है। किसानों ने जो लड़ाई लड़ी है उससे यह माहौल बना कि के प्रधानमंत्री को तीनों कृषि कानूनों को रद करना पड़ा। इसके लिए समूह किसान संगठन बधाई की पात्र हैं लेकिन अन्य मांगों को पूरा करवाने के लिए किसानों की यह लड़ाई जारी रहेगी।

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