गढ़शंकर व माहिलपुर अस्पतालों में आना है तो सैनिटाइजर साथ जरूर हो

गढ़शंकर के सरकारी अस्पताल में कोविड-19 के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। सिविल अस्पताल की ओपीडी में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए तीन मशीन तो लगी हैं पर इनमें काफी समय से सैनिटाइजर नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Mar 2021 05:05 PM (IST) Updated:Thu, 25 Mar 2021 06:00 AM (IST)
गढ़शंकर व माहिलपुर अस्पतालों में आना है तो सैनिटाइजर साथ जरूर हो
गढ़शंकर व माहिलपुर अस्पतालों में आना है तो सैनिटाइजर साथ जरूर हो

रामपाल भारद्वाज, गढ़शंकर

गढ़शंकर के सरकारी अस्पताल में कोविड-19 के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। सिविल अस्पताल की ओपीडी में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए तीन मशीन तो लगी हैं, पर इनमें काफी समय से सैनिटाइजर नहीं है। इससे साफ प्रतीत हो रहा है कि लोगों को महामारी से बचाव का पाठ पढ़ाने वाले किस कदर तक लापरवाह बने हुए हैं। उन्हें न तो कोई कार्रवाई का डर और न ही कोरोना का। अगर ऐसे ही चलता रहा तो वह दिन दूर नहीं जब सिविल अस्पताल को ही माइक्रो कंटेनमेंट जोन बना दिया जाएगा। वैसे तो मास्क न पहनने पर 1000 रुपये तक चालान किया जा रहा है, लेकिन इस अव्यवस्था पर कार्रवाई होगी या नहीं, कहना मुश्किल होगा। वर्तमान में यह मशीन नकारा होकर मात्र शोपीस बनकर दीवार पर लटक रही है। दावों को सच जानने के लिए दैनिक जागरण टीम ने माहिलपुर सिविल अस्पताल का भी दौरा किया। वहां देखा कि सैनिटाइजर मशीन खराब होने के कारण दीवार से उतार ली गई है जबकि सिविल अस्पताल गढ़शंकर में तीन मशीनें खाली थी। और तो और मरीज बिना मास्क के कोरोना को चुनौती दे रहे थे। दूसरी ओर, इस संबंध में सिविल सर्जन होशियारपुर से बात की, तो उन्होंने इसकी जिम्मेदारी एसएमओ पर डालते हुए पल्ला झाड़ लिया।

सुरक्षा के लिए नहीं कोई इंतजाम

वहीं इलाज करवाने आए लोगों का कहना था कि प्राइवेट अस्पताल का खर्च उठाने में वह असमर्थ हैं। इसके चलते दवा लेने सरकारी अस्पताल में आते हैं, लेकिन यहां मरीजों की कोई सुरक्षा नहीं है। वहीं होशियारपुर में पहला कोविड का मरीज गढ़शंकर के मोरांवाली गांव में सामने आया था। अब फिर से शहर में कोविड के मरीज बड़ी संख्या में सामने आने के कारण कुछ वार्ड कंटेनमेंट इलाके घोषित किए गए हैं।

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