खाद मूल्यों में बढ़ोतरी से कैसे खुशहाल होगा किसान: सुमित
एक तरफ केंद्र सरकार किसानों की आमदनी दो गुणा करने की बात करती है। वहीं खेती में प्रयोग होने वाली डीएपी खाद के मूल्यों में बेतहाशा वृद्धि करने से आर्थिक मंदी की मार झेल रहे किसानों की परेशानियां और बढ़ेंगी।
संवाद सहयोगी, मुकेरियां : एक तरफ केंद्र सरकार किसानों की आमदनी दो गुणा करने की बात करती है। वहीं खेती में प्रयोग होने वाली डीएपी खाद के मूल्यों में बेतहाशा वृद्धि करने से आर्थिक मंदी की मार झेल रहे किसानों की परेशानियां और बढ़ेंगी। ऐसे में यह बात समझ नहीं आती कि किसानों की आय दोगनी कैसे होगी। उक्त बातों का प्रकटावा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य कांग्रेस एवं जिला परिषद सदस्य सुमित डडवाल ने किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के चुनावी मैनिफेस्टो में किसानों की आय दोगनी करने का वादा था, मगर जिस प्रकार खेती के लिए खाद, दवाइयां व अन्य सामान के भाव आसमान छू रहे हैं उससे किसानों की आमदन बढ़ती नजर तो नहीं आ रही, बल्कि किसानी ही समाप्त हो रही है। पिछले समय डीएपी खाद करीब 1200 रुपये प्रति बैग थी, जो अब 1700 रुपये हो चुकी है जबकि गेहूं का मूल्य 50 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया गया था। एक एकड़ खेत से औसतन 15 से 16 क्विंटल झाड़ निकलता है जिससे किसानों को लगभग 800 रुपये का लाभ हुआ। डीएपी खाद जो एक एकड़ में एक बैग प्रयोग होती है उसके मूल्य में 500 से अधिक प्रति एकड़ अधिक खर्च पड़ा। इसके बाद डीजल के भाव पिछले साल के मुकाबले 20 रुपये के करीब प्रति लीटर बढ़े, उसका बोझ भी अलग से पड़ा। केंद्र सरकार के कार्यकाल में अभी तक तो किसानों की आमदन कम होती ही नजर आ रही है। उन्होंने केंद्र सरकार से डीएपी के बढ़ाए मूल्यों को कम कर किसानों को राहत देने की मांग की।