बर्ड फ्लू : 10 और पक्षियों की मौत, अब तक 4946 पक्षी तोड़ चुके हैं दम

अंतरराष्ट्रीय वेटलैंड पौंग बांध झील में विदेशी पक्षियों के मरने का सिलसिला लगातार जारी है। बर्ड फ्लू की पुष्टि के 23वें दिन मंगलवार को 10 परिदों की मौत नगरोटा सूरियां में हुई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 19 Jan 2021 06:54 PM (IST) Updated:Wed, 20 Jan 2021 06:58 AM (IST)
बर्ड फ्लू : 10 और पक्षियों की मौत, अब तक 4946 पक्षी तोड़ चुके हैं दम
बर्ड फ्लू : 10 और पक्षियों की मौत, अब तक 4946 पक्षी तोड़ चुके हैं दम

संवाद सहयोगी, तलवाड़ा : अंतरराष्ट्रीय वेटलैंड पौंग बांध झील में विदेशी पक्षियों के मरने का सिलसिला लगातार जारी है। बर्ड फ्लू की पुष्टि के 23वें दिन मंगलवार को 10 परिदों की मौत नगरोटा सूरियां में हुई। बता दें कि पक्षियों के मरने का सिलसिला 28 दिसंबर से शुरू हुआ था और अब तक 4946 पक्षियों की मौत हो चुकी है। राहत की बात यह है कि एक सप्ताह में मरने की संख्या काफी घटी है। वन्य जीव प्राणी विभाग की पीसीसीएफ अर्चना शर्मा व डीएफओ राहुल एम रेहाणे ने बताया कि स्थिति धीरे धीरे कंट्रोल में आ रही है और टीमें लगातार दिन रात जुटी हुई हैं ताकि इन मौतों के सिलसिले को रोका जा सके।

रेहाणे ने बताया कि 28 दिसंबर को शुरू-शुरू में वेटलैंड पौंग बांध झील के आसपास सैकड़ों की संख्या में पक्षियों ने दम तोड़ा था। जांच करने पर पक्षियों के मरने का कारण बर्ड फ्लू पाया गया था। लेकिन जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि यह वायरस पहले वाले से काफी घातक थी। मृत पक्षियों से यह अन्य जानवरों, यहां तक कि आस पास के लोगों में भी फैल सकता था। इसके चलते विभाग ने पूरी एहतियात बरती और वेटलैंड पौंग बांध झील के आसपास रहते लोगों को अपने पालतू पशुओं को भी झील में छोड़ने पर पूर्ण पाबंदी लगा दी थी। इसके अलावा लोगों को भी जागरूक किया जा रहा था ताकि वह पौंग बांध के इलाके में मूवमेंट न करें और न ही मृत पक्षी मिलने पर उन्हें छुएं। क्योंकियह वायरस छूने से भी फैलने का खतरा था। इस दौरान हिमाचल प्रदेश के वन्य, यूथ सर्विस, स्पो‌र्ट्स मंत्री राकेश पठानिया ने भी कहा है कि पीसीसीएफ अर्चना शर्मा, वन्य जीव प्राणी विभाग के डीएफओ राहुल एम रेहाणे के कुशल नेतृत्व व मार्गदर्शन में टीम रेंज अफसर धमेटा सेवा सिंह व रेंज अफसर नगरोटा सूरियां जोगिन्दर सिंह सहित फील्ड में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों के आपसी तालमेल व कड़ी मेहनत के चलते वायरस को फैलाने से रोका गया है।

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