मरे हुए व्यक्तियों के नाम पर सरकारी राशन अलाट

गरीब परिवारों को राशन बांटने के नाम पर बड़ा खेल खेला जा रहा है। ऐसे परिवारों में मरे हुए व्यक्तियों के नाम पर भी सरकारी राशन अलाट हो रहा है। यह अलग बात है कि परिवारों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है और डिपो होल्डर उस राशन को डकार कर दुकानदारी चमका रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 05:06 PM (IST) Updated:Sat, 24 Apr 2021 07:00 AM (IST)
मरे हुए व्यक्तियों के नाम पर सरकारी राशन अलाट
मरे हुए व्यक्तियों के नाम पर सरकारी राशन अलाट

हजारी लाल, होशियारपुर

गरीब परिवारों को राशन बांटने के नाम पर बड़ा खेल खेला जा रहा है। ऐसे परिवारों में मरे हुए व्यक्तियों के नाम पर भी सरकारी राशन अलाट हो रहा है। यह अलग बात है कि परिवारों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है और डिपो होल्डर उस राशन को डकार कर दुकानदारी चमका रहे हैं। राशन घोटाले का यह मामला दैनिक जागरण के हाथ लगा है। घोटाले में साफ दिख रहा है कि फूड एंड सप्लाई विभाग के कुछ अधिकारी भी मिले हुए हैं। अगर इसकी जांच विजिलेंस ब्यूरो से करवाई जाए, तो बहुत बड़ा राशन स्कैम सामने आएगा। सेंट्रल टाउन के कुछ परिवारों ने शुक्रवार को फूड एंड सप्लाई विभाग के अधिकारियों के समक्ष ऐसी ही जानकारी दी है व इसका सुबूत भी उपलब्ध है। अभी फिलहाल गेहूं बांटा जा रहा है। छह महीने पहले दाल व काले चने भी बांटे जा रहे थे। सरकार की राशन स्कीम का लाभ सालाना 30 हजार से कम आय वालों को मिलता है, लेकिन यहां तो कुछ बड़े अफसरों की भूख इतनी बढ़ गई है कि असहाय लोगों का खाना छीन रहे हैं। इनके दर्द को महसूस कर समझें कि कब व किस प्रकार से हो रहा घपला

बीपीएल परिवार से संबंधित बुजुर्ग स्वर्ण कौर बड़ी मुश्किल से टीम के समक्ष पहुंची थी। उन्होंने बताया कि पति गुरदास राम की कई साल पहले मौत हो गई थी। बहू अमनदीप को मिलाकर परिवार में तीन सदस्य थे। उन्हें एक बोरी गेहूं मिलता है जबकि पड़ताल करने पर मालूम पड़ा कि स्वर्ण कौर के परिवार के नाम पर अब भी तीन बोरी राशन अलाट होता है। यानि कि पति गुरदास राम के नाम पर राशन अलाट हो रहा है। बलवीर कौर भी बीपीएल परिवार से संबंधित हैं। उन्होंने बताया कि बेटे की मौत नौ साल व पति परमजीत की तीन साल पहले मौत हो गई थी। उन्हें एक बोरी राशन मिलता है, जबकि कागजों की पड़ताल की गई तो तीन बोरी राशन अलाट हो रहा है। मसलन कि मरे हुए पति और मरे बेटे के नाम पर भी राशन गटका जा रहा है। मलकीत राय ने बताया कि बेटी की शादी हो चुकी है। उनके परिवार को तीन बोरी राशन मिलता है और कागजों में चार बोरी राशन बांटा जा रहा है। राजकुमार को 16 फरवरी, 2020 तक कागजों में सात बोरी राशन दिया जाता रहा है, जबकि उन्हें तीन बोरी राशन मिलता था। एक अन्य लाभार्थी परिवार का भी कुछ ऐसा ही हाल है। गुरबख्श कौर की सास हरभजन कौर की कुछ साल पहले मौत हो चुकी है। गुरबख्श के परिवार को चार बोरी राशन मिलता है, जबकि कागजों में पांच बोरी दिखाया जा रहा है। मतलब कि मरी हुई हरभजन कौर को भी राशन दिया जा रहा है। बताने के बाद नहीं कटवाते नाम

यह महज इतने ही परिवार नहीं है, जिनके नाम पर राशन घोटाला हो रहा है। मालूम पड़ा है कि अधिकांश डिपो होल्डर मरे हुए व्यक्तियों का नाम कटवाने के बजाय उनके नाम पर सरकारी राशन अलाट करवाकर उल्लू सीधा कर रहे हैं। इस चक्कर में ईमानदार डिपो होल्डर भी बदनाम हो रहा है। एक डिपो होल्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि राशन वितरण की अगर विजिलेंस ब्यूरो जांच कराई जाए तो करोड़ों का घोटाला सामने आएगा। दस-दस साल पहले हुए मरे हुए व्यक्तियों के नाम पर राशन अलाट हो रहा है। सरकारी दाम पर दो रुपये किलोग्राम मिलने वाला राशन डिपो होल्डर इस हथकंडे से 20 रुपये किलोग्राम बेच देते हैं। परिवारों की ओर से सदस्यों के मरने की सूचना देने पर भी स्वार्थ के चक्कर में डिपो होल्डर उनका नाम नहीं कटवाते। राशन बांटते समय परिवारों को पर्चियां भी नहीं दी जाती हैं।

यह है नियम

अगर किसी परिवार में किसी सदस्य की मौत हो जाती है, तो डिपो होल्डर को उसका नाम कटवाना होता है। इसके अलावा जब किसी परिवार की लड़की की शादी हो जाती है, तो उसका भी नाम कटवाना होता है। लेकिन ऐसा न करके डिपो होल्डर अपनी दुकानदारी चमका रही हैं व सरकार को चूना लगाया जा रहा है।

निष्पक्षता से होगी जांच: डीसी

डीसी अपनीत रियात ने कहा कि मामले की निष्पक्षता से जांच कराएंगी। मरे हुए व्यक्तियों के नाम पर बिल्कुल भी राशन अलाट नहीं किया जा सकता है। हर पहलू से पड़ताल होगी, जो-जो भी कसूरवार पाए जाएंगे, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।

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