कचरे के ढेरों ने बदली होशियारपुर शहर की सूरत, लोगों में रोष

सरकार के स्वच्छता अभियान के दावों की हकीकत होशियारपुर में सड़ों पर गंदगी के लगे डंप

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 10:14 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 10:14 PM (IST)
कचरे के ढेरों ने बदली होशियारपुर शहर की सूरत, लोगों में रोष
कचरे के ढेरों ने बदली होशियारपुर शहर की सूरत, लोगों में रोष

जागरण संवाददाता, होशियारपुर :

सरकार के स्वच्छता अभियान के दावों की हकीकत होशियारपुर में कुछ और ही बयां कर रही है। सफाई के मामले में केवल काम चलाऊ तरीके से टाइम पास किया जा रहा है। जगह-जगह कचरे के ढेर लगे रहते हैं और उन पर बेसहारा पशु मंडराते हैं। हालात यह हैं कि निगम शहर को स्वच्छ व खूबसूरत बनाने के दावे तो करता है मगर जमीनी हकीकत पर यह फेल नजर आते हैं। करीब पांच साल पहले निगम ने कचरा उठाने के लिए निजी कंपनी से करार किया था। कुछ साफ सफाई होने लगी और शहर भी स्वच्छ नजर आने लगा। प्लान था कि यहां से कचरा उठाकर जालंधर भेजा जाएगा जहां पर कचरे से बिजली तैयार की जाएगी। लेकिन यह करार कुछ देर ही चल पाया और बिजली का प्रोजेक्ट भी अधर में रह गया। ठेका खत्म होने के बाद स्वच्छता अभियान फिर से बदतर हालातों में आ गया। डंपों से उठती दुर्गंध से लोगों का जीना मुहाल

शहर में कचरा एकत्रित करने के लिए जगह जगह डंप बनाए गए थे, पर कचरा न उठाने के कारण हालात बद से बदतर बने रहते हैं। लाख दावों के बावजूद शहर में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से सफल नहीं हो रही। माडल टाउन, मेडिसन मार्केट, टांडा रोड, डीएवी कालेज के सामने, ऊना रोड, सरकारी कालेज के पास, दशहरा ग्राउंड के पास, बलबीर कालोनी के सामने, सुखियाबाद काजवे के पास फैला कचरा स्वच्छ भारत की मुहिम की हवा निकालता दिखाई देता है।

सफाई सेवकों का भी है निगम में टोटा

सफाई सेवकों की कमी सफाई व्यवस्था में आड़े आ रही है। चंद सफाई सेवकों के कंधों पर पूरे निगम का भार है। एक सफाई सेवक को चार का काम करना पड़ता है। इसके चलते सफाई सेवक चाहकर भी हर रोज इन डंपों से कचरा नहीं उठा सकते। सबसे बड़ी समस्या लोगों में जागरूकता की कमी है क्योंकि वह तय जगह को छोड़कर इधर-उधर गंदगी फेंकते रहते हैं इसलिए सभी नागरिकों का फर्ज बनता है कि आसपास स्वच्छता का माहौल बनाकर रखें। निगम के पास 217 पक्के व मोहल्ला सुधार कमेटी के अंतर्गत 122 सफाई कर्मचारी मिलाकर 339 हैं। आबादी व नए वार्डो के हिसाब से यह गिनती नाकाफी है। लोग भी समझें अपनी जिम्मेदारी : सेनेटरी इंस्पेक्टर

सेनेटरी इंस्पेक्टर जनक राज का कहना है कि निगम के पास सफाई सेवकों की कमी है। सुबह एक बार सारे शहर में सफाई होती है। चाहे मैनपावर कम है लेकिन सफाई के लिए लोगों को भी जागरूक होना होगा। जब लोग जागरूक होंगे तो स्वच्छता धीरे धीरे अपने आप आनी शुरू हो जाएगी। उन्होंने लोगों से अपील की कि सुबह दस बजे तक दुकानों व घरों का कचरा निर्धारित स्थानों पर ही फेंके।

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