कृषि सुधार कानून के विरोध में किसान संगठनों ने घेरा मिनी सचिवालय

कृषि सुधार कानून के विरोध में बुधवार सुबह 1030 बजे किसान संगठनों ने मिनी सचिवालय का घेराव करके मोदी सरकार पर जमकर भड़ास निकाली।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Feb 2021 05:33 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 07:00 AM (IST)
कृषि सुधार कानून के विरोध में किसान संगठनों ने घेरा मिनी सचिवालय
कृषि सुधार कानून के विरोध में किसान संगठनों ने घेरा मिनी सचिवालय

संवाद सहयोगी, होशियारपुर : कृषि सुधार कानून के विरोध में बुधवार सुबह 10:30 बजे किसान संगठनों ने मिनी सचिवालय का घेराव करके मोदी सरकार पर जमकर भड़ास निकाली। इस प्रदर्शन को जबर विरोधी दिवस का नाम दिया। दोपहर 12:30 बजे तक किसान केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते रहे। किसानों के उग्र रूप को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने मिनी सचिवालय के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजामात किए थे। किसान संगठन होशियारपुर के प्रधान हरपाल सिंह संघा के नेतृत्व में करीब 500 किसानों ने प्रदर्शन किया। इस अवसर पर किसान संगठन की तरफ से देश के राष्ट्रपति के नाम पर मांग पत्र एडीसी अमित पंचाल को दिया गया। इस दौरान संघा ने बताया कि दो महीने से दिल्ली में किसान संगठन शांतिपूर्ण संघर्ष किया जा रहा था। मगर, केंद्र सरकार को किसानों का धरना समाप्त करने के लिए कोई रास्ता नहीं दिखाई दे रहा था। इसके चलते केंद्र सरकार ने अपने ही कार्यकर्ता धरने में भेजकर किसानों पर झूठे और गैर कानूनी मामले दर्ज करवाकर ं जेल मे बंद कर दिया। यहीं नहीं, केंद्र सरकार की तरफ से किसानों के ट्रैक्टरों के नंबर लेकर उनके घरों में गलत तरीके से समन भेजे जा रहे हैं।

हद से भी नीचे गिर गई केंद्र सरकार : संघा

संघा ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि वह इस हद तक नीचे गिर गई है कि एक महिला को हिरासत में लेने के लिए महिला पुलिस को भी बुलाना जरूरी नहीं समझा। किसान महिला नौदीप कौर को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस ने एक भी महिला कर्मचारी को साथ नहीं लिया और सारे मुलाजिम आदमी ही थे। इसके बाद पानीपत में नौदीप कौर पर कई प्रकार के अत्याचार किए गए।

2024 तक की तैयारी कर ली

संघा ने बताया कि केंद्र सरकार जिस हद तक गिरना चाहती है गिरे। मगर, किसान पीछे हटने वाले नहीं है। किसानों संगठनों ने अब दिल्ली में 2024 की तैयारी कर ली है। पहले तो केवल पंजाब के किसान ही धरने में शामिल हो रहे थे लेकिन अब उनके साथ हरियाणा, राजस्थान, तेलंगाना के साथ उत्तर प्रदेश के किसान भी कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। केंद्र सरकार के खिलाफ एक साथ देश के 42 किसान संगठन दबाव बना रहे हैं।

पुलिस के साथ हो गई नोक-झोक

हरपाल संघा के साथ जैसे ही कुछ अन्य किसान डीसी को मांग पत्र देने के लिए डीसी आफिस की तरफ जाने लगे तो पता चला कि डीसी आफिस में नहीं है और एडीसी अमित पंचाल मांग पत्र लेने आ रहे हैं। इस पर हरपाल सिंह संघा ने कहा कि केंद्र सरकार ने अब मांग पत्र लेने से भी मना कर दिया है। इसके बाद कुछ पुलिस अधिकारियों के समझाने पर किसान अमित पंचाल को मांग पत्र देने के लिए मान गए। इस दौरान पुलिस के साथ थोड़ी बहस भी हुई।

लोगों को काम करवाने में आई परेशानी

मिनी सचिवालय के मुख्य गेट के आगे बैठे किसानों के कारण सारा रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया। यहां तक कि कुछ पुलिस कर्मचारियों को भी अपने वाहन सचिवालय के बाहर खड़े करने पड़े। सुविधा केंद्र में काम के लिए पहुंचे लोगों को कम से कम एक से डेढ़ घंटे तक इंतजार करना पड़ा। किसी कारण डीसी कार्यालय में नहीं थीं तो एसडीएम की तरफ से ही मांग पत्र प्राप्त किया। कुछ लोग दूर से आने के बाद वहां के माहौल को देखकर बिना काम करवाए ही वापस चले गए।

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