मूंगफली की काश्त के ढंग व किस्मों के चुनाव के बारे में बताया

गांव शेखां में कृषि विज्ञान केंद्र ने कृषि व किसान कल्याण विभाग भूंगा के सहयोग से खेत दिवस मनाया। इसमें माहिरों ने मूंगफली की काश्त के बारे में तकनीकी जानकारी दी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 04 Oct 2021 10:05 PM (IST) Updated:Mon, 04 Oct 2021 10:05 PM (IST)
मूंगफली की काश्त के ढंग व किस्मों के चुनाव के बारे में बताया
मूंगफली की काश्त के ढंग व किस्मों के चुनाव के बारे में बताया

जागरण टीम, होशियारपुर : गांव शेखां में कृषि विज्ञान केंद्र ने कृषि व किसान कल्याण विभाग भूंगा के सहयोग से खेत दिवस मनाया। इसमें माहिरों ने मूंगफली की काश्त के बारे में तकनीकी जानकारी दी। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के तेल बीज सेक्शन के इंचार्ज व प्रमुख वैज्ञानिक डा. वीरेंद्र सरदाना ने मूंगफली की काश्त के ढंग, किस्मों का चुनाव, खादों का प्रयोग, नदीनों की रोकथाम व पौध सुरक्षा के बारे में बताया। यूनिवर्सिटी ने मूंगफली की नई किस्म (जे 87) दी है। इस बारे में खेत दिवस आयोजित किया गया है। मूंगफली की यह किस्म, एक गुच्छेदार, लंबी व हल्के गुलाबी रंग की होती है। इसकी औसतन पैदावार बहार ऋतु में 15.3 क्विंटल प्रति एकड़ व खरीफ ऋतु में 12.8 क्विंटल प्रति एकड़ है। यह करीब 112 दिन में पक जाती है। डा. सरदाना ने तिल व गोभी सरसों की काश्त के बारे में भी जरूर नुकते सांझे किए।

डिप्टी डायरेक्टर (ट्रेनिग) मनिदर सिंह ने किसानी के प्रति कृषि विज्ञान केंद्र की सेवाओं के बारे में प्रकाश डाला। यूनिवर्सिटी द्वारा मूंगफली की काश्त को ओर प्रफुल्लित करने के बारे में की जा रही कोशिशों के बारे में प्रकाश डाला। मूंगफली पर ओर मुनाफा लेने के लिए इस प्रोसेसिग पर भी जोर दिया। उन्होंने किसानों को धान की पराली को न जलाने के बारे में जोर दिया। धान की पराली संभालने के अलग-अलग तरीकों के बारे में जागरूक किया। सहयोगी प्रोफेसर (फसल विज्ञान) डा. गुरप्रताप सिंह ने किसानों को मिट्टी परीक्षण व जीवाणु खादों के प्रयोग के बारे में जागरूक किया। गेहूं की काश्त के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। भूंगा ब्लाक के कृषि विकास अधिकारी डा. संदीप सिंह ने किसानों की सुविधा के लिए विभागीय योजनाओं के बारे में बताया। इलाके के प्रगतिशील मूंगफली उत्पादक गांव शेखां के नरिदर सिंह व सुरिदर सिंह गांव मस्तीवाल के बिक्रम सिंह, नरेश कुमार व धर्म सिंह, गांव राम टटवाली के दविदर सिंह ने शामूलियत की। माहिरों के साथ अपनी शंकाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की। इस मौके पर किसानों की सुविधा के लिए गोभी, सरसों व प्याज के बीज, दालों व तेल बीजों की किटें, सब्जियों की किटें, पशुओं के लिए धातु का चारा, पशु चाट ईंट, मटर व आलुओं के लिए जीवाणु खाद का टीका व खेती साहित्य भी मुहैया करवाया गया। अंत में भूंगा के ब्लाक टेक्नोलाजी मैनेजर (आत्मा) डा. प्रितपाल सिंह थियाड़ा ने खेत दिवस में आए माहिरों व किसानों धन्यवाद किया।

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