पुराने ढर्रे पर निगम की व्यवस्था से गर्मी में पानी की होती किल्लत
गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत विकराल रूप धारण कर लेती है। पानी भी आंख मिचौली करना शुरू कर देता है क्योंकि बिजली गुल होते ही शहर की टूटियां सूख जाती हैं। इससे हाहाकार मचना स्वाभाविक है। खास कर मई व जून में यह समस्या अकसर गंभीर हो जाती है।
हजारी लाल, होशियारपुर
गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत विकराल रूप धारण कर लेती है। पानी भी आंख मिचौली करना शुरू कर देता है क्योंकि बिजली गुल होते ही शहर की टूटियां सूख जाती हैं। इससे हाहाकार मचना स्वाभाविक है। खास कर मई व जून में यह समस्या अकसर गंभीर हो जाती है। आलम यह होता है कि लोग पानी के लिए सड़क पर उतर कर पसीना बहाते नजर आते हैं। गर्मियों में पानी की किल्लत का कारण पुराने ढंग से चल रहा सिस्टम है। शहर को नगर परिषद से नगर निगम का दर्जा मिलने के बाद पानी सप्लाई की व्यवस्था पुराने ढर्रे पर ही चल रही है। नगर निगम के मेयर सुरिदर छिदा के समक्ष शहरवासियों को सुचारू रूप से पानी की सप्लाई मुहैया करवाना किसी चुनौती से कम नहीं है। शहर की 1.67 लाख की आबादी को पानी की सप्लाई के लिए नगर निगम ट्यूबवेलों पर आश्रित है। करीब 85 ट्यूबवेलों को आपस में जोड़ा गया है। सुबह-शाम ट्यूबवेलों को चलाकर पानी की सप्लाई की जाती है। इस व्यवस्था से सप्लाई उस समय बंद हो जाती है, जब बिजली गुल होती है। आमतौर पर गर्मियों में सुबह शाम दो-दो घंटे का बिजली कट लगता है। इससे घरों में पानी की सप्लाई नहीं होती है।
टंकियों के माध्यम से हो सकती निर्विघ्न सप्लाई
विडंबना है कि हर साल गर्मियों के मौसम में यह समस्या खड़ी होती है, लेकिन नगर निगम इसके प्रति गंभीरता नहीं दिखा रहा जबकि थोड़ा सा प्रयास करके टंकियों के माध्यम से पानी की सप्लाई दी जा सकती है। ऐसा होने से बिजली जाने की सूरत में न टूटियां सूखेंगी और न ही लोग पानी के लिए सड़कों पर पसीना बहाने पर मजबूर होंगे। खुद नगर निगम के मुलाजिम ही बताते हैं कि पचास वार्डों में पानी की सप्लाई के लिए कम से कम 125 ट्यूबवेलों की आवश्यकता है। निर्विघ्न सप्लाई के लिए सीधे ट्यूबवेलों से नहीं, बल्कि टंकियों के माध्यम से होनी चाहिए ताकि बिजली गुल होने पर भी इस पर कोई असर न पड़े।
सफेद हाथी बनी हैं टंकियां
जनता को निर्विघ्न पानी सप्लाई के लिए साढ़े तीन दशक पहले सीवरेज बोर्ड की ओर से करीब दस टंकियां बनाई गई थी। योजना थी कि पानी की सप्लाई इन टंकियों के माध्यम से होगी, लेकिन अफसरशाही की सुस्ती से पानी की टंकियां महज सफेद हाथी बनकर रह गई। इतना समय बीत जाने के बाद कनेक्शन नहीं दिए गए। लाखों रुपये खर्च करके भी जनता को कोई फायदा नहीं मिला।
उठाया जाएगा जरूरी कदम: मेयर
मेयर सुरिदर छिदा ने कहा कि पानी की सुचारू सप्लाई के लिए जरूरी कदम उठाया जाएगा। इसके लिए माहिरों की राय ली जाएगी। वह हर व्यवस्था लागू होगी, जिससे पानी की सप्लाई पर कोई असर न पड़े।