मरीजों के लिए मुसीबत बनी डाक्टरों की हड़ताल

पिछले 12 दिन से एनपीए को लेकर चल रही डाक्टरों की हड़ताल के कारण बंद पड़ी ओपीडी से लोग परेशान हो रहे हैं। शुक्रवार को भी ओपीडी के साथ-साथ इमरजेंसी वार्ड भी भगवान भरोसे ही दिखे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 07:40 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 06:30 AM (IST)
मरीजों के लिए मुसीबत बनी डाक्टरों की हड़ताल
मरीजों के लिए मुसीबत बनी डाक्टरों की हड़ताल

संस, होशियारपुर : पिछले 12 दिन से एनपीए को लेकर चल रही डाक्टरों की हड़ताल के कारण बंद पड़ी ओपीडी से लोग परेशान हो रहे हैं। शुक्रवार को भी ओपीडी के साथ-साथ इमरजेंसी वार्ड भी भगवान भरोसे ही दिखे। इमरजेंसी वार्ड में मरीज तो थे पर इलाज करने वाला कोई नहीं था। सुबह न तो कोई डाक्टर ड्यूटी पर दिखाई दे रहा था और न ही कोई अन्य स्वास्थ्य कर्मी। इस कारण इलाज के लिए पहुंचे मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इमरजेंसी वार्ड में अधिकतर मरीज रेफर होकर अन्य स्वास्थ्य केंद्रों से पहुंचे थे और उन्हें इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। इस संबंध में बात करने पर सिविल सर्जन रणजीत सिंह घोतड़ा ने बताया कि सभी डाक्टर सरकार के खिलाफ धरने के लिए चंडीगढ़ गए हैं मगर फिर भी इमरजेंसी में डाक्टर ड्यूटी दे रहे हैं। अगर फिर भी मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी हो रही है तो तुरंत उसे हल किया जाएगा।

माहिलपुर से रेफर हुए संदीप को एक दिन बाद भी राहत नहीं

इमरजेंसी वार्ड में उपचाराधीन संदीप कुमार वासी गांव पट्टी ने बताया कि वह पेंटर का काम करता है। माहिलपुर के एक घर में काम कर रहा था कि अचानक सीढ़ी लुढ़कने से नीचे गिर गया जिससे उसकी कमर और टांग में फ्रैक्चर हो गई। दो दिन सरकारी अस्पताल माहिलपुर में इलाज के बाद होशियारपुर रेफर किया गया है। यहां पर वह एक दिन से भर्ती है मगर कोई डाक्टर हालचाल जानने नहीं पहुंचा।

पेट की बीमारी को लेकर ईएसआइ से पहुंची सुगंधा, नहीं मिला उपचार

इमरजेंसी वार्ड में एक टूटे हुए बैंच पर दर्द से तड़प रही सुगंधा ने बताया कि कुछ दिन से पेट की बीमारी से परेशान थी। इसका इलाज ईएसआइ अस्पताल में चल रहा था मगर वहां डाक्टरों ने यह बोल कर वीरवार सुबह छुट्टी दे दी कि अब आप का इलाज हो गया है। लेकिन रात को पेट में फिर से दर्द शुरू हो गया तो पति इलाज के लिए ईएसआइ लेकर पहुंचे। डाक्टर की हड़ताल के कारण उन्हें सरकारी अस्पताल रेफर कर दिया लेकिन सुगंधा को अभी तक इलाज नहीं मिल पाया।

लाचोवाल डिस्पेंसरी से आई हैं कमला, पर टांग पर दर्द नहीं हुआ कम

सरकारी अस्पताल होशियारपुर में टांग में दर्द लिए आई कमला देवी ने बताया, उसे यह बोलकर लाचोवाल डिस्पेंसरी से भेज दिया था कि वहां पर उनका आयुष्मान कार्ड बन जाएगा जिस पर सारा इलाज मुफ्त में होगा। कमला देवी ने बताया कि उसके पास नीला कार्ड और आधार कार्ड है मगर डाक्टरों की हड़ताल के कारण कोई कुछ बता नहीं रहा और टांग में दर्द इतनी हो रही है कि सहन करना मुश्किल है।

मां के इलाज के लिए डाक्टर की राह देखता रहा मासूम अंजुमन

मां के इलाज के लिए इमरजेंसी वार्ड में पहुंचा अंजुमन ने सिसकती आवाज में बताया कि उसकी माता पिछले कुछ दिन से बीमार चल रही है। दो दिन से इमरजेंसी विभाग में दाखिल माता को किसी भी डाक्टर ने नहीं देखा है। इसके चलते मासूम अभी भी दरवाजे की तरफ नजर लगाए डाक्टर का इंतजार कर रहा है।

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